
नई दिल्ली। कौन भूल सकता वो काली रात जब आतंकियों ने मुंबई के बेक़सूर लोगों को दर्दनाक तरीके से मार दिया था। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ज़मात-उद-दावा ने ली था, जिसके बाद से ही हमले का मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद की तलाश तेज़ हो गयी थी। इसके बाद उसपर कई आरोपों के तहत कार्रवाई की गयी है। लेकिन पाक का रवैय्या अब भी उसके प्रति नरम ही दिखाई दे रहा है।
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खबर है कि आतंकी हाफ़िज़ सईद पाकिस्तान की राजनीति में सक्रिय होने जा रहा है। पिछले महीने ही जमात-उद-दावा ने मिल्ली मुस्लिम लीग नाम से पार्टी के गठन का ऐलान किया था।
बीतें दिन लाहौर में नेशनल असेंबली की एनए-120 सीट पर उपचुनाव हुआ। इसमें जमात-उद-दावा ने भी अपना उम्मीदवार उतारा था। लेकिन पार्टी उम्मीदवार शेख याकूब का नामांकन इस उपचुनाव में रद्द हो गया था।
इस सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज चुनाव जीतीं हैं और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की उम्मीदवार यासमीन राशिद तीसरे स्थान पर रहीं।
खबरों के मुताबिक याकूब ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ के बैनर तले एनए-120 सीट के उपचुनाव में खड़ा होना चाहता था, लेकिन ऐसा हुआ नही क्योंकि यह पार्टी अभी चुनाव आयोग में पंजीकृत नहीं हुई है।
बकौल याकूब नया संगठन अगले साल होने वाले चुनाव में हर सीट पर अपने उम्मीदवार खड़ा करेगा।
उसने कहा कि हमें NA-120 में लोगों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। यह हमारा पहला चुनाव था और जनता ने हमारा समर्थन किया। इसके अलावा याकूब ने कहा कि हम पाक की राजनीति में अपना पैर जमाने के लिए आ रहे हैं।
पाकिस्तान की आवाम ऐसी पार्टी चाहती हैं, जो अमेरिका, इजरायल और भारत जैसे दुश्मनों के खिलाफ पाक को मजबूत बनाए और साथ ही जन समस्याओं का भी समाधान करे।
गौरतलब है कि जमात-उद-दावा ने उसी समय ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ पार्टी का गठन किया, जब सईद को नजरबंद किया गया था। वहीँ अमेरिकी वित्त विभाग की ओर से 2012 में जारी प्रतिबंधित लोगों की सूची में याकूब का नाम भी शामिल है।