बंधुआ श्रमिकों के बदलेंगे दिन, योगी सरकार ने शुरू की कवायद

लखनऊ उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को कहा कि यूपी सरकार बाल एवं बंधुआ श्रमिकों को चिन्हित कर उनके पुनर्वास के लिए पूरी तरह से गंभीर है। उन्होंने यह भी कहा कि श्रम सुधार के उद्देश्य से सरकार ने 15 जटिल श्रम अधिनियमों में संशोधन का प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेज दिया है।

बंधुआ श्रमिकों

लाल बहादुर शास्त्री भवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मौर्य ने यह बातें कही। मौर्य ने यूपी सरकार की एक साल की उपलिब्धयों का बखान करते हुए कहा कि श्रम सुधार की दिशा में सरकार आगे कदम बढ़ाते हुए प्रदेश में औद्योगीकरण का माहौल बनाने का प्रयास कर रही है।

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मौर्य ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में कुल 3,093 बाल श्रमिक चिन्हित किए गए और 500 नियोजकों (नियोक्ता) के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। इसके साथ ही आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों में से लगभग 90 फीसदी जन शिकायतों का समयबद्घ निस्तारण किया गया है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि नया सवेरा योजना के तहत 369 गांवों का सर्वेक्षण कर 7965 कामकाजी बच्चों को चिन्हित किया गया। इसी प्रकार अब तक 7,965 बंधुआ मजदूरों को चिन्हित कर इनमें से 1110 श्रमिकों के पुनर्वास के लिए 658 लाख रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है।

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मौर्य ने कहा कि सरकार बेरोजगारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने पर भी गंभीर है। इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा प्रदान की गई है। अभी तक इस पोर्टल पर 20.48 लाख बेरोजगार व 8,127 नियोजक पंजीकृत हुए हैं। अभी तक 596 रोजगार मेलों में 57,768 बेरोजगार अभ्यर्थियों का चयन किया गया है।

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