सरकार का अभियान फेल, ग्रामीणें को नहीं पता कानून की यह बेसिक जानकारी

रिपोर्ट- कुलदीप राणा

रूद्रप्रयाग। उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को जागरूक करने की तमाम सरकारी योजनाएं भले ही चलाई जाती हो लेकिन स्थिति ये है कि ग्रामीणों को कानून की बेसिक जानकारी तक मालूम नहीं है।

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यह हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक ऐसे ही मामला हमारे सामने आया है। रूद्रप्रयाग जनपद के अगस्यमुनि विकास खण्ड़ के आगर गाँव में पिछले दिनों एक 70 वर्षीय व्यक्ति की गाँव के लिए एक युवक ने गला दबाकर हत्या कर दी थी और घर से नकदी और जेवर लूटपाट कर फरार हो गया था।

बाद में पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। आरोपी को पुलिस द्वारा पेशी के लिए न्यायालय में ले जाया जा रहा था कि मगर गाँव के भोले-भाले ग्रामीणों ने सोचा की आरोपी को बरी कर दिया गया है और पूरा गांव इसके विरोध में न्यायालय जा पहुँचे।

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न्यायालय के पास कोतवाली पुलिस रुद्रप्रयाग ने ग्रामीणों के काफिले को रोका और किसी तरह समझा-बुझा कर इन्हें बैरंग लौटा दिया है। ऐसे में एक बात तो साफ हो जाती है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्र में कानूनों और तमाम प्रकार के अधिकारों के बारे में पता नहीं है। जबकि जनजागरूकता अभियानों के नाम पर सरकारें हर साल करोड़े रूपयों के वारे-न्यारे करती है।

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