Govardhan Pooja 2020 : परंपरा के नाम पर गोबर में फेंक दिये जाते हैं बच्चे, जानिए क्या है यह खतरनाक मान्यता

मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के बैतूल में वर्षों से गोवर्धन पूजा(Govardhan Pooja 2020) के दौरान एक परंपरा चली आ रही है। हर साल गोवर्धन पूजा(Govardhan Pooja) के अवसर पर इस परंपरा का निर्वाहन किया जाता है। यहां पूजा के दौरान बच्चों को गोबर में फेंका जाता है। लोगों की मान्यता है कि गोबर में बच्चे फेंकने से बच्चे सालभर तंदरुस्त रहते हैं। वहीं डॉक्टरों का मत इसको लेकर बिल्कुल ही अलग है। वह इस परंपरा को खतरनाक करार दे चुके हैं। डॉक्टरों का साफतौर पर कहना है कि गोबर में कई ऐसे कीटाणु और बैक्टीरिया होते हैं जो शरीर के लिए नुकसानदायक है। वहीं छोटे बच्चों पर तो इसका खासकर असर पड़ता है। हालांकि डॉक्टर की इन तमाम बातों को दरकिनार कर इस परंपरा का निर्वाहन होता है।

गोद में उठाकर गोबर में फेंके जाते हैं बच्चे
गोबर के बीच बिलखते बच्चों को देखकर जिस तरह से इस परंपरा का वर्षों से निर्वाहन हो रहा है उसे देखकर किसी का भी दिल भर आए। बावजूद इसके परंपरा के नाम पर मां बाप बच्चों को गोदी में लेकर गोबर में फेंक देते हैं। यहां के लोगों की मान्यता है कि जैसे भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठा कर ग्वालों की रक्षा की थी तभी से यह मान्यता है कि गोवर्धन उनकी रक्षा करते हैं। इसी के चलते बच्चों को गोबर में फेंका जाता है।

यह परंपरा सिर्फ गांव में ही नहीं बल्कि शहरों में भी अपनाई जाती है। अनपढ़ लोग ही नहीं शिक्षित लोग भी इस परंपरा का पूरी तरह से निर्वाहन करते हैं। जबकि डॉक्टर कहते हैं कि यह परंपरा बच्चों के लिए खतरनाक ही नहीं बल्कि बीमारियों की वजह भी बन सकती है। उनका कहना है कि गोबर में कई कीटाणु होते हैं जो स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डलाते हैं। वहीं गोबर में बैक्टीरिया पाए जाते हैं जिससे सांस संबंधी बीमारी के साथ चर्म रोग भी होता है। यह सब कुछ बच्चों के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।

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