अल्मोड़ा के कांग्रेस जिलाध्यक्ष को पद से हटाये जाने पर हुआ बवाल, दोबारा मिला पद

रिपोर्ट अनिल सनवाल

अल्मोड़ा| कांग्रेस के नए बनाये गए जिलाध्यक्ष कांग्रेस में प्रदेश के जिलाध्यक्षों को बदलने के बाद मचा घमाशान जारी है।  बीते दिनों कांग्रेस पार्टी ने अपने कुछ जिलाध्यक्षों को हटा कर नए जिलाध्यक्ष बनाए थे। जिसमें अल्मोडा के कांग्रेस जिलाध्यक्ष पीताम्बर पाण्डे को पद से हटा कर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह मेहरा को कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनाया था।

अल्मोड़ा के कांग्रेस जिलाध्यक्ष को पद से हटाये जाने पर हुआ बवाल, दोबारा मिला पद

लेकिन गोविन्द सिंह कुंजवाल को यह रास नहीं आया। जिसके बाद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व जागेश्वर विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी को पत्र भेजकर पार्टी छोडने की धमकी  देते हुए महरा को हटाकर वापस पीताम्बर पांडे को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए त्यागपत्र देने की बात करते हुए दबाव बनाया। जिसमें वह सफल भी हुए।

जिसके बाद पार्टी ने कुंजवाल की मांगो के आगे झुकते हुए नवनियुक्त मोहन सिंह मेहरा को अध्यक्ष पद से हटा कर पीताम्बर पाण्डे को दोबारा जिलाध्यक्ष घोषित कर दिया। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मोहन सिंह महरा ने कांग्रेस पार्टी द्वारा उन्हे अल्मोड़ा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद से हटाए जाने पर नाराजगी  व्यक्त की है। उन्होंने अपने अपने हज़ारो समर्थको के साथ अल्मोड़ा में बैठक कर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व जागेश्वर विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल पर अनेक सवाल दागे।

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कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद से हटाने के बाद मोहन सिंह मेहरा ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोविन्द सिंह कुंजवाल कहते है की महरा दूसरे गुट का है वह ये तो बताये की वह दूसरा गुट कोन सा है। उन्होंने कहा कि कुंजवाल ने मेरे मान सम्मान को बहुत ठेस पहुचायी है। कुंजवाल बताए कि मैं किस गुट का आदमी हूं। जिसके बाद मोहन सिंह मेहरा कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए भावुक होकर वह रो पडे। कहा कि मेरे साथ पार्टी द्वारा ऐसा अन्याय क्यू किया गया है  उन्होने कहा कि मैने पार्टी को पत्र भेज कर जवाब मांगा है अगर पार्टी की ओर से जवाब नही आता है तो वह 15 दिन बाद कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगे का निर्णय लेंगे।

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