अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर UNICEF के सद्भावना दूत सचिन बोले- ‘बेटियां अनमोल’, ये बात समझें
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बुधवार को यूनिसेफ और महिला और बाल विकास मंत्रालय के तरफ से परिचर्चा का आयोजन हुआ। इसमें ‘बालिकाओं के सशक्तिकरण में खेलों की भूमिका’ विषय पर एक पैनल परिचर्चा आयोजित की गई।
इसमें यूनिसेफ के सद्भावना दूत सचिन तेंदुलकर, भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज, भारतीय महिला बास्केटबाल टीम की पूर्व कप्तान रसप्रीत सिधु, विशेष ओलम्पिक एथलीट रागिनी शर्मा, अंतर्राष्ट्रीय पैरा तैराक रजनी झा और कराटे चैम्पियन माना मंडलेकर ने हिस्सा लिया।
सचिन का देश को संदेश
सचिन तेंदुलकर ने लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी मदद करने को कहा। उन्होंने कहा कि अभिभावकों और समुदायों को अपनी बेटियों को अनमोल समझना चाहिए। उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि बोझ समझ कर जल्दी से बेटियों का विवाह करने की बजाय एक व्यक्ति के तौर पर बेटियों को स्वावलंबी बनाकर समाज में योगदान देने लायक बनाना चाहिए।
हमें माता-पिताओं के सिर से वित्तीय बोझ कम करना चाहिए ताकि लड़कियां अपनी शिक्षा पूरी कर सकें और समाज में अपनी क्षमताओं के अनुरूप कदम उठाये तथा अपनी आकांक्षाओं को पूरा करें।
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