बनारस में राजकीय सम्मान के साथ होगा ‘अप्पा’ का अंतिम संस्कार

गिरिजा देवीलखनऊ। भारतीय शास्त्रीय संगीत साधिका पद्मविभूषण गिरिजा देवी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पिछले कई दिनों से वह बीमार चल रही थीं। उन्हें सुबह इनकी नतनी अनन्या दत्ता ने तबीयत ज्यादा खराब होने पर कोलकाता के बीएम बिड़ला नर्सिंग होम में अस्पताल में भर्ती कराया था। मंगलवार 24 अक्टूबर रात करीब 9 बजे दिल का दौरा पड़ने से उनकी निधन हो गया। गिरिजा देवी 88 साल की थी। उनके निधन से उनके गृह जनपद वाराणसी में शोक की लहर है।

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गिरिजा देवी का अंतिम संस्कार बुधवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ठुमरी के अनमोल सितारे का अस्त हो गया।

संगीत से जुड़ा ऐसा कोई ही पुरस्कार हो जो उन्हें न मिला हो। गिरिजा देवी को पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्मविभूषण के अलावा संगीत नाटक अकादमी अवार्ड, अकादमी फेलोशिप, यश भारती समेत कई पुरष्कारों से उन्हें सम्मानित किया जा चुका था।

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आपको बता दें कि अपने शिष्यों और चाहने वालों के बीच गिरिजा देवी ‘अप्पा जी’ के नाम से लोकप्रिय थीं। हालांकि गिरिजा देवी ख्याल गायन भी खूब करती थीं, लेकिन उनकी ख्याति विशेष तौर पर ठुमरी, कजरी, चैती, दादरा जैसे उपशास्त्रीय संगीत के लिए थी। कुछ माह पहले किशोरी अमोनकर के निधन के बाद गिरिजा देवी का भी चले जाना, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत को बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है।

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