आयुष्मान भारत योजना का फर्जीवाड़ा, मशहूर डॉक्टरों का नाम इस्तेमाल करते झोलाछाप डॉक्टर

मेरठ के अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना का फर्जीवाड़ा चरम पर है। झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा नामचीन डॉक्टरों की डिग्री का इस्तेमाल करके मरीजों का ऑपरेशन करना यहां आम बात है। ताज़ा मामले से शासन प्रशासन में बवाल मच गया है। आनन-फानन में जांच शुरू की गयी है और दो प्राइवेट नर्सिंग होम का लाइसेंस निरस्त कर सील भी लगा दी गई है।

बीते कई सालों मेरठ के नामचीन यूरो सर्जन डॉ0 शरतचन्द्र गर्ग केवल एक अस्पताल में ही अपनी सेवाएं देते आए हैं। शनिवार को उनके पास प्रास्टेट सर्जरी में ब्लीडिंग का एक मरीज आया। मरीज की मेडिकल हिस्ट्री देखी गयी तो कागजों से पता चला कि शहर के श्री भूषण अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत मरीज की सर्जरी भी डॉ0 गर्ग ने ही की है। एक बार तो उनको यकीन ही नही हुआ। लेकिन जब श्री भूषण अस्पताल के मालिक से बात की गयी तो वह अपने फर्जीवाड़े को गलती बताकर माफी मांगने लगा। लेकिन मामला यहीं तक सीमित नहीं था। मवाना के कमल नर्सिंग होम में भी डॉ0 गर्ग की फर्जी मुहर और दस्तखत वाली डिस्चार्ज स्लिप वाला एक और सर्जरी का मरीज सामने आया है।

आईएमए और जिले के सीएमओ से जब इस मामले में शिकायत हुई तो आनन-फानन में जांच शुरू की गयी। पता चला कि दोनो अस्पतालों ने डॉ0 शरतचन्द्र गर्ग का फर्जी एफीडेविट और असली डिग्री स्वास्थ्य विभाग में लगाकर उन्हें आयुष्मान भारत योजना के पैनल में शामिल कराया हुआ है। दोनों मरीज नही जानते कि उनकी सर्जरी करने वाला कौन है लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने बिना वेरीफिकेशन के डॉ0 गर्ग के कागजात अपने यहां सबमिट करके योजना के पैनल में शामिल कर लिया। योजना के आपरेशन का पैसा किस खाते में जाता है और कौन है जो असली दस्तावेजों की आड़ में मरीजों की जिंदगी से खेल रहा है।

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