सुप्रीम कोर्ट को आंखें दिखाने वाला पूर्व जस्टिस 6 महीने बाद हुआ रिहा

कलकत्ता उच्च न्यायालयकोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सी.एस.कर्णन बुधवार को जेल से रिहा हो गए। कर्णन (62) सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना को लेकर छह महीने की सजा के बाद रिहा हुए हैं।

कर्णन के वकील मैथ्यू जे. नेदुम्पारा ने कहा, “न्यायाधीश कर्णन प्रेसीडेंसी जेल से रिहा हो गए। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें 9 मई को सजा सुनाई थी।”

कर्णन महीनेभर तक अंडरग्राउंड रहे थे। इसके बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने उन्हें तमिलनाडु के कोयंबटूर से 20 जून को गिरफ्तार किया था। वह तभी से प्रेसीडेंसी जेल में थे।

कब और क्यों हुई गिरफ्तारी

दरअसल, जस्टिस कर्णन ने मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच ने इस सिलसिले में जस्टिस कर्णन की लिखी चिट्ठियों का स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा शुरू किया था।

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गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से सजा सुनाने के बाद से ही कर्णन फरार चल रहे थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस खेहर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मई में जस्टिस कर्णन को गिरफ्तार करने के लिए डीजीपी को एक कमेटी बनाने के आदेश दिए थे।

इस आदेश के बाद सीएस कर्णन को 20 जून को तमिलनाडु के कोयंबटूर से  गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि कर्णन 12 जून को सेवानिवृत्त हुए थे।

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