
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश और नदियों के उफान के कारण बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। मिर्जापुर में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि लखीमपुर खीरी में शारदा नदी भी लाल निशान को पार कर चुकी है।

बाढ़ और बारिश से संबंधित हादसों में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं, लेकिन लगातार बारिश ने प्रशासन की चुनौतियाँ बढ़ा दी हैं।
मिर्जापुर में गंगा का उफान
सिंचाई विभाग के अनुसार, मिर्जापुर जिला बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित है। अधिशासी अभियंता (बाढ़ मंडल) हरिओम गुप्ता ने बताया कि मंगलवार को मिर्जापुर के चुनार क्षेत्र में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान (75.28 मीटर) से सात सेंटीमीटर ऊपर पहुँच गया, जो 2021 के उच्चतम स्तर से भी अधिक है। नरायणपुर में स्थिति और गंभीर है, जहाँ गंगा 2021 के उच्चतम जलस्तर (74.91 मीटर) से 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। यह उफान राजस्थान के चंबल नदी से आए बाढ़ के पानी के कारण है, जिसने गंगा के जलस्तर को और बढ़ा दिया। मिर्जापुर में 36 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं, और कई इलाकों में पानी घरों और खेतों में घुस गया है।
लखीमपुर खीरी में शारदा नदी का खतरा
लखीमपुर खीरी के पलिया कलां और शारदा नगर में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण शारदा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। बाढ़ ने जिले के 123 गाँवों को प्रभावित किया है, और लगभग एक लाख लोग इससे पीड़ित हैं। खेतों में खड़ी फसलें, खासकर दलहन और तिलहन, पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। बाढ़ प्रभावित गाँवों में राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।
प्रयागराज और अन्य जिलों में स्थिति
प्रयागराज में यमुना नदी नयनी में 86.04 मीटर और फाफामऊ में गंगा 86.03 मीटर पर बह रही है, जो क्रमशः 84.74 मीटर और 84.374 मीटर के खतरे के निशान से काफी ऊपर है। वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, और श्रावस्ती में भी गंगा और अन्य नदियाँ उफान पर हैं। बाराबंकी में घाघरा और श्रावस्ती में राप्ती नदी भी खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। कुल 24 जिलों में 1,245 गाँव बाढ़ से प्रभावित हैं, और 2.07 लाख लोग इससे पीड़ित हैं। लगभग 33,000 हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न है, और 31 गाँवों में कटाव का खतरा मंडरा रहा है।
बारिश से संबंधित हादसों में 14 की मौत
बाढ़ और भारी बारिश से संबंधित हादसों में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है। चित्रकूट में एक बच्चे समेत दो, महोबा में दो, उन्नाव में एक बच्ची, प्रयागराज के फाफामऊ में तीन, बमरौली एयरपोर्ट के पास दो, बिजनौर में दो, सीतापुर में एक, और मुरादाबाद में एक व्यक्ति की मौत हुई। इसके अलावा, मेरठ के जाकिर नगर में भारी बारिश के बाद एक तीन मंजिला इमारत ढहने से 10 लोगों की मौत हो गई थी।
राहत और बचाव कार्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की निगरानी के लिए 11 मंत्रियों की एक टीम (टीम-11) तैनात की है। अब तक 47,906 लोगों को राहत सामग्री दी गई है, और 2,759 पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। बांदा के पैलानी क्षेत्र में 3,000 से अधिक लंच पैकेट और 300 राहत किट वितरित की गई हैं। जलजनित बीमारियों को रोकने के लिए 1.29 लाख क्लोरीन टैबलेट और 37,089 ओआरएस पैकेट बाँटे गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 29 सामुदायिक रसोईघर स्थापित किए गए हैं, और 500 क्विंटल पशु चारा वितरित किया गया है।
प्रशासनिक और मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले 4-5 दिनों तक उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और पीएसी की टीमें तैनात हैं, और जिला प्रशासन को राहत शिविरों को पूरी तरह कार्यशील रखने के निर्देश दिए गए हैं।