
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने सोमवार को जीएसटी सुधारों के कार्यान्वयन की सराहना की और कहा कि इसका सकारात्मक प्रभाव कृषक समुदाय के सभी वर्गों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम किसानों पर पड़ेगा।

उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने सोमवार को जीएसटी सुधारों के कार्यान्वयन की सराहना की और कहा कि इसका सकारात्मक प्रभाव कृषक समुदाय के सभी वर्गों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम किसानों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नई जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दरें कृषि और डेयरी क्षेत्र में बड़े बदलाव का प्रतीक हैं। किसानों ने कहा कि कृषि मशीनरी और सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों पर जीएसटी कम होने से खेती की लागत कम होगी और किसानों का मुनाफा बढ़ेगा।
सरकार ने जैव-कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी कम कर दिया है। डेयरी क्षेत्र में, दूध और पनीर पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। जीएसटी सुधारों से एकीकृत कृषि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। तेंदू पत्ते पर भी जीएसटी कम किया गया है। किसानों ने कहा कि इन सुधारों से न केवल उनकी बचत होगी, बल्कि बेहतर आय के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि उपकरण अब और भी सस्ते हो गए हैं।
एक किसान ने इसपर कहा “हमें लाभ होगा ,जीएसटी स्लैब में कमी से किसानों के लिए समृद्धि आएगी। मैं सरकार को धन्यवाद देता हूं…” एक अन्य किसान ने बताया कि 1800 सीसी से कम क्षमता वाले ट्रैक्टरों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि टायर, ट्यूब, हाइड्रोलिक पंप सहित ट्रैक्टर के पुर्जों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसी तरह, स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई, कटाई मशीनरी और ट्रैक्टर के पुर्जों पर भी जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।
एक अन्य किसान ने बताया, “ट्रैक्टर की कम कीमतें विशेष रूप से छोटे और मध्यम किसानों के लिए फायदेमंद होंगी। पंप स्थापना की लागत कम हो जाएगी। प्रधानमंत्री किसानों की आय बढ़ाना चाहते हैं और वह इस संबंध में कदम उठा रहे हैं और किसानों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “पहले जीएसटी के चार स्लैब थे, जिन्हें घटाकर दो कर दिया गया है। ट्रैक्टर खरीदने पर 40-50 हजार रुपये का अंतर आएगा। हम इस कदम का स्वागत करते हैं… सुधारों से समाज के हर वर्ग को लाभ होगा…” संशोधित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचा आज से लागू हो गया है।