
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने देश के नाम अपने संबोधन में आज तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम किसानों को आश्वस्त करने में सफ़ल नहीं हो पा रहे थे। कृषि कानूनो को वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के ऐलान के बावजूद किसान फ़िलहाल अपने आंदोलन को ‘पूरी तरह विराम’ देने के मूड में नहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी पर भी बात करनी चाहिए।

शुक्रवार (19 नवंबर) को किसान नेता डॉ. दर्शन पाल (Dr Darshanpal) ने कहा की, “हम दिल्ली की सीमाओं से अभी नहीं जा रहे हैं। सरकार हमें बुला कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी पर भी बात करे। अभी पहले सरकार संसद से ये क़ानून रद्द करे। कल संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में हम आगे की रणनीति तय करेंगे। हमें आतंकवादी कहा, ख़ालिस्तानी कहा, लेकिन जीत हमारी हुई। हम मोदी (Modi) जी से कहना चाहते हैं कि अगर ये कानून पहले ही रद्द कर देते तो 700 किसान भाई नहीं मरते। कल हम संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद अपना निर्णय बताएंगे।”

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता व किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतज़ार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।’

देश के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि, “हम किसानों को आश्वस्त करने में सफ़ल नहीं हो पा रहे थे। किसानों का एक वर्ग ही कानूनों का विरोध कर रहा, लेकिन हम उन्हें शिक्षित करने और जानकारी देने का प्रयास करते रहे। हम किसानों को समझा नहीं सके। यह किसी पर आरोप लगाने का समय नहीं है। मैं सबसे कहना चाहता हूं कि हमने कृषि कानूनों को वापस ले लिए। हम कृषि कानूनों को रद्द कर रहे हैं।”
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