फेसबुक और व्‍हाट्सऐप पर कस रहा सरकार का शिकंजा, जरुरत पड़ने पर लगेगी रोक

नई दिल्ली| देश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने वैसे ही सरकार की नींद उड़ा रखी है, उस पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे व्‍हाट्सऐप, फेसबुक  और टेलीग्राम के दुरुपयोग ने इन सबको और बढ़ावा दिया है। इसके बाद जब सरकार ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस बारे में कड़े कदम उठाने को कहा तो ये कंपनियां ऐसा करने से बचती रहीं।

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अब सूत्रों की मानें  तो दूरसंचार विभाग ने इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय तथा विधि प्रवर्तन एजेंसियों से आईटी कानून की धारा 69ए के तहत जरूरत पड़ने पर इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हॉट्सएप, टेलीग्राम आदि को ब्लॉक करने के बारे पूछा है।

दूरसंचार विभाग ने विशेष परिस्थितियों में इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हॉट्सएप, टेलीग्राम जैसी मोबाइल एप पर रोक लगाने के लिये अपनाये जाने वाले तकनीकी उपायों के बारे में उद्योग से राय मांगी है। विभाग ने राष्ट्रीय सुरक्षा या शांति व्यवस्था को लेकर खतरे की स्थिति में इन एप्स को ब्लॉक करने पर विचार मांगे हैं।

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दूरसंचार विभाग ने 18 जुलाई 2018 को सभी दूरसंचार आपरेटरों, भारतीय इंटरनेट सेवा प्रदाता संघ (आईएसपीएआई), सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) तथा अन्य को पत्र लिखकर आईटी कानून की धारा 69ए के तहत इन एप्लिकेशंस पर रोक लगाने के संदर्भ में उनकी राय जाननी चाही है।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘दूरसंचार विभाग ने इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय तथा विधि प्रवर्तन एजेंसियों से आईटी कानून की धारा 69ए के तहत जरूरत पड़ने पर इंस्टाग्राम, फेसबुक, व्हॉट्सएप, टेलीग्राम आदि को ब्लॉक करने के बारे पूछा है।’’ आईटी कानून की धारा 69ए किसी कंप्यूटर स्रोत से किसी सूचना को जनता तक पहुंचने से रोकने के लिए निर्देश देने के अधिकारों से संबंधित है

यह कानून केंद्र सरकार या सरकार की ओर से अधिकृत किसी अधिकारी को देश की संप्रभुता, रक्षा, सुरक्षा, दूसरे देशों से दोस्ताना संबंध या शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका की स्थिति में इंटरनेट पर सूचना पर रोक लगाने का अधिकार देता है। हाल के समय में भारत में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या की अनेक घटनाएं सामने आई हैं।

देखा जाए तो ये घटनाएं सोशल मीडिया पर अफवाहों की वजह से हुई हैं। लोकप्रिय मैसेजिंग एप व्हॉट्सएप अपने प्लेटफार्म के दुरुपयोग को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहीं है। व्हॉट्सएप से प्रसारित फर्जी खबरों की वजह से ही भीड़ द्वारा किसी की पिटाई की घटनाएं हुई हैं। लेकिन हर बार ये कंपनियां कोई न कोई बहाना बनाकर आवश्यक कदम उठाने से बच रहीं हैं इसीलिए सरकार अब इन पर सख्ती से कार्यवाही भी कर सकती है।

 

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