EVM हैकिंग चैलेंज चुनौती लेने से एनसीपी और माकपा का इनकार, बोले- प्रक्रिया समझने आए थे

EVM हैकिंगनई दिल्ली। EVM हैकिंग चैलेंज चुनौती लेने पहुंची एनसीपी और माकपा ने इनकार कर दिया है। कारण की सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि वह इस प्रक्रिया को समझना चाहते थे। बता दें कि देश के लोकतंत्र की रक्षा के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने आज के दिन यानी 3 जून को सभी पार्टियों को EVM हैक करने का मौक़ा दिया है। EVM हैकिंग में सात में सिर्फ दो राष्ट्रीय पार्टियां एनसीपी और माकपा हिस्सा लेने पहुंची थीं। उधर, नैनीताल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग के ईवीएम चैलेंज के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट का कहना है कि चुनाव आयोग को पूरा अधिकार है कि वह अपना संदेह दूर करें।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव 2017 में भारतीय जनता पार्टी को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी पार्टियों को हिला कर रख दिया था। हार से बौखलाई पार्टियों ने बिना कुछ सोचे समझे देश के लोकतंत्र पर ही सवाल खड़े कर दिए। विपक्षियों ने ये दावा किया कि BJP को ये जीत EVM में धांधली से मिली है। जिसके बाद देश का हर नागरिक सन्न रह गया। लोकतंत्र पर सवाल उठता देख इलेक्शन कमीशन ने एक बाड़ा फैसला लिया।

EC ने आरोप लगाने वाली तमाम पार्टियों को खुली चुनौती दी की अगर आपको लगता है कि EVM में गड़बड़ी करके चुनाव जीता गया है तो आप EVM को हैक करके के दिखाइए। जिसके लिए उसने 3 जून यानी आज के दिन को चुना। चुनाव आयोग की इस खुली चुनौती से आरोप लगाने वाली पार्टियों के दांत खट्टे हो गए। खुद को फंसता देख कई पार्टियों ने किनारा कर लिया है। लेकिन दो राष्ट्रीय पार्टियां एनसीपी और माकपा ने इसमें हिस्सा लिया है।

इस बात पर हर नागरिक की निगाहें टिकी हैं कि अगर EVM हैक हो गया तो क्या होगा? ऐसे में बहुत हद तक ये संभावना है कि अगर EVM हैक होता है तो चुनाव आयोग फिर से विधानसभा चुनाव करा सकता है। इतना ही नहीं लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए आयोग लोकसभा चुनाव को भी रद्द करने की सोंच सकता है।

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