बिजली कर्मचारियों संग ऊर्जा मंत्री की नहीं बनी बात, सरकार का रवैया सख्त

यूपी में बिजली को लेकर अकाल पड़ा हुआ है। वहीं बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से पैदा हुई बिजली संकट को लेकर यूपी सरकार सख्ती से पेश आ रही है। कर्मचारी नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज करने के साथ ही संविदा कर्मियों को बर्खास्त भी कर दिया है।

यूपी में पैदा हुई बिजली संकट और करमचेरों की हड़तालका हल निकालने के लिए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने संषर्घ समिति के नेताओं की शनिवार रात करीब 10 बजे बैठक की। कर्मचारी नेताओं द्वारा मांगों को माने जाने और दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की गई। ऊर्जा मंत्री ने तत्काल मांगें माने जाने पर असमर्थता जताई। इस पर कर्मचारी नेताओं ने सुबह फिर से बातचीत होने की बात कही और निकल आए।

वहीं यूपी सरकार ने हड़ताल पर गए बिजली कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा रुख अपना रही है। बता दें कि शनिवार दोपहर सीएम योगी के साथ हुई बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को शाम छह बजे तक काम पर लौटने की चेतावनी दी थी। हालांकि, उसके पहले 22 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इन सबके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। वहीं, 1300 संविदा कर्मियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है।

ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अब तक 1332 संविदाकर्मियों की सेवा समाप्त की गई है। शाम तक अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सभी से अपील है कि जनता और अपने परिवार के हित में काम पर लौटें। चार घंटे का समय दे रहे हैं। शाम छह बजे तक नहीं लौटने वालो को बर्खास्त कर दिया जाएगा। जहां बर्खास्त कर रहे हैं। वहां दूसरी एजेंसी, इंजीनियरिंग कॉलेज से छात्रों को ले रहे हैं। नए लोगों की सेवाएं लेंगे।

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