
पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध बेटिंग ऐप 1xBet से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। 39 वर्षीय धवन को गुरुवार को दिल्ली में ईडी मुख्यालय में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है।

जांच एजेंसी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत उनका बयान दर्ज करेगी और यह समझने की कोशिश करेगी कि क्या धवन ने इस ऐप के प्रचार में अपनी छवि का इस्तेमाल किया और इसके बदले कोई भुगतान प्राप्त किया। सूत्रों के अनुसार, धवन का इस ऐप से कुछ विज्ञापनों और प्रचार गतिविधियों के जरिए संबंध रहा है, जिसकी जांच की जा रही है।
मामले का विवरण
ईडी की जांच 1xBet नामक ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म पर केंद्रित है, जिस पर अवैध सट्टेबाजी और धन शोधन के आरोप हैं। यह ऐप कथित तौर पर लाखों लोगों और निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी और भारी मात्रा में टैक्स चोरी में शामिल रहा है। धवन का नाम इस ऐप के प्रचार से जुड़े कुछ विज्ञापनों के कारण सामने आया है। ईडी यह जानना चाहती है कि उनकी इस ऐप के साथ क्या भूमिका थी और क्या इसमें कोई वित्तीय लेनदेन शामिल था। धवन ने पिछले साल अगस्त में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया था, लेकिन अब यह मामला उनकी छवि और करियर पर सवाल उठा सकता है।
सुरेश रैना से भी हुई पूछताछ
इस मामले में धवन अकेले नहीं हैं। पिछले महीने, पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना से भी ईडी ने 1xBet मामले में करीब आठ घंटे तक पूछताछ की थी। रैना से उनके प्रचार अनुबंधों, भुगतान के तरीकों और टैक्स से संबंधित जानकारी मांगी गई थी। इसके अलावा, अभिनेता राणा दग्गुबाती, विजय देवरकोंडा, हरभजन सिंह और उर्वशी रौतेला जैसे कई अन्य हस्तियों को भी इस तरह के अवैध बेटिंग ऐप्स के प्रचार से जुड़े मामलों में जांच का सामना करना पड़ा है।
ईडी की व्यापक जांच
ईडी कई अवैध बेटिंग ऐप्स की जांच कर रही है, जिनमें 1xBet और Parimatch जैसे प्लेटफॉर्म शामिल हैं। इन ऐप्स पर आरोप है कि ये गैरकानूनी तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं और धन शोधन के लिए शेल कंपनियों और विदेशी खातों का उपयोग कर रहे हैं। बाजार विश्लेषण और जांच एजेंसियों के अनुसार, भारत में लगभग 22 करोड़ लोग ऐसे बेटिंग ऐप्स का उपयोग करते हैं, जिनमें से 11 करोड़ नियमित उपयोगकर्ता हैं।
इन ऐप्स के जरिए होने वाली ठगी और वित्तीय धोखाधड़ी को 1,000 से अधिक आत्महत्याओं से जोड़ा गया है। ईडी ने गूगल और मेटा के प्रतिनिधियों को भी इस जांच के सिलसिले में तलब किया है और विज्ञापन अभियानों के लिए 50 करोड़ रुपये से अधिक के भुगतान की जांच की जा रही है।
आगे क्या?
हालांकि, शिखर धवन पर अभी तक कोई ठोस आरोप सिद्ध नहीं हुआ है, लेकिन ईडी की पूछताछ से इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं। जांच एजेंसी का ध्यान सेलिब्रिटी प्रचारों के जरिए अवैध बेटिंग को बढ़ावा देने और इससे जुड़े वित्तीय लेनदेन पर है। इस मामले में अन्य बड़े नामों के सामने आने की संभावना भी जताई जा रही है। यह जांच न केवल अवैध बेटिंग ऐप्स के संचालकों, बल्कि उनके प्रचार में शामिल हस्तियों की भूमिका पर भी सवाल उठा रही है, जिससे भविष्य में सेलिब्रिटी प्रचारों के नियमन पर प्रभाव पड़ सकता है।