एक्सरसाइज नहीं अब करो ‘अर्थिंग’, बेल्ट और व्हीलचेयर का कभी नहीं लेना पड़ेगा सहारा

नई दिल्ली। भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपनी सेहत का ख्याल ही नहीं रख पाते हैं। काम के बढ़ते प्रेशर के वजह से हम खान-पान पर भी विशेष ध्यान नहीं देते जिससे हम दिन पर दिन बीमार पड़ते जा रहे हैं। इस व्यस्त लाइफस्टाइल में हमें खुद को फिट रखने के लिए अर्थिंग की मदद लेनी चाहिए। अर्थिंग कोई कठिन व्यायाम नहीं है और न ही इसको करने के लिए पर्याप्त समय की जरूरत होती है। इसके लिए बस नंगे पैर जमीन पर कुछ देर टहलना है। इस उपाय का असर जल्द ही आपको दिखने लगेगा।

अर्थिंग

जानिए क्या है अर्थिंग प्रॉसेस

अर्थ यानी धरती एक बड़ी बैटरी की तरह होती है क्योंकि इसमें न्यूट्रल चार्ज होता है। अर्थिंग एक प्रभावी प्रैक्टिस हो सकता है जिससे तनाव को आसानी से कम किया जा सकता है। इसमें हम अपना काम शुरू करने से पहले या काम खत्म करने के बाद घास पर, रेत पर या फिर किसी प्राकृतिक सतह पर कुछ देर तक नंगे पांव टहलते हैं। एक वक्त के बाद आपको इसका सकारात्मक प्रभाव दिखाई देने लगेगा।

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जानिए अर्थिंग करने के फायदे

अर्थिंग से भंयकर से भयंकर दर्द को खत्म किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि व्हीलचेयर पर बैठे इंसान को अगर अर्थिंग का अभ्यास कराया जाए तो आपको जल्द ही इसका फायदा दिखने लगेगा। इस अभयास को करने के लिए पांवों को केवल जमीन से स्पर्श कराना ही काफी होगा।

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अर्थिंग करने से हमारे शरीर के फ्री रैडिकल्स मुक्त हो जाते हैं और हम बीमार नहीं पड़ते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि धरती के गतिशील इलेक्ट्रॉन्स पावरफुल एंटी-ऑक्सीडेंट्स की तरह काम करते हैं।

अर्थिंग का अभ्यास सकारात्मक और तनावरहित जीवन के लिए काफी अच्छा होता है। यह शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करता है और आपकी नींद में सुधार लाता है।

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