योगी ने ई-ऑफिस प्रणाली का किया शुभारंभ, 22 करोड़ जनता को मिलेगा लाभ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और शुचिता के लिए ई-आफिस योजना का शुभारंभ कर दिया है। प्रारंभिक चरण में यह योजना मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव कार्यालय सहित राज्य के 22 कार्यालयों में लागू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रणाली के लागू होने के बाद प्रदेश की 22 करोड़ जनता को सुविधा महसूस होगी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता के प्रति जवाबदेही का सबसे सशक्त माध्यम ई-आफिस प्रणाली है। उनका कहना था कि प्रारंभ में इसमें कुछ परेशानी आ सकती है पर उसके बाद इसके परिणाम काफी सकारात्मक होंगे।
बीजेपी मंत्री के काफिले ने किसान की फसल रौंदी, नेताओं ने थमाए चार हजार
योगी ने कहा कि प्रारंभ में यह प्रणाली 22 विभागों में लागू की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ऐसी व्यवस्था करें कि आगामी 1 जनवरी 2018 से लखनऊ के सभी कार्यालयों में तथा 1 अप्रैल 2018 से मंडल मुख्यालयों पर इस प्रणाली को लागू किया जा सके। इस प्रणाली के लागू होने के बाद सरकारी कार्यप्रणाली में समयबद्धता आ सकेगी।
उनका कहना था कि तकनीक प्रक्रियाओं को आसान करती है इसलिए आज के दौर में तकनीक का प्रयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि ई-आफिस प्रणाली समयबद्ध कार्य करने का तरीका है।
योगी ने कहा कि 12500 पेपर के लिए एक बड़े पेड़ को काटना पड़ता है। उनका कहना था कि हर दो वर्ष में सरकारी पत्रावलियों की संख्या दोगुनी हो जाती है। इस प्रणाली के लागू होने के बाद कागजों के प्रयोग में कमी आएगी। सरकार बनने के बाद सचिवालय के पहले निरीक्षण को याद करते हुए उन्होंेने कहा कि उस समय उन्होंने सचिवालय में पत्रावलियों के धूल से सने अंबार को देखा था। तब यह कहा था कि जो भी व्यक्ति इन पर काम करेगा, उसका बीमार होना तय है। अब इस प्रणाली के बाद इससे मुक्ति मिल जाएगी।
पत्रकार विनोद ने किया बड़ा खुलासा, कहा- मेरे पास है मंत्री के ‘काले करतूत’ की सीडी
उनका कहना था कि पहले परिस्थितियां ऐसी थीं कि एक फाइल महीनों तक लम्बित रहती थी तथा उससे भी कई चीजे जन्म लेती थीं। उन्होंने कहा कि सरकार सिटीजन चार्टर लागू करने जा रही है जिसके बाद जवाबदेही बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि ई-आफिस व्यवस्था के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी काम को न करना हो तो कहा जाता है कि एक समिति बनाकर प्रकरण उसे दे दो पर अब इस पद्धति को बदलना होगा। उनका कहना था कि पुरानी पत्रावलियों को सुरक्षित रखना बड़ी चुनौती है।