इन चार वजहों से आता है तेज चक्कर, जानिए क्या है इसका उपाय

चक्करलखनऊ। कई बार आपने लोगों को कहते सुना होगा कि आज सुबह तेज चक्कर आया और गिरते-गिरते बचा। कई बार आंखों के सामने बिलकुल अंधेरा छा जाता है या चलते वक्त ऐसा लगता है कि कदमों पर नियंत्रण नहीं है।

दरअसल आमतौर पर गला, आंख, कान, नर्वस सिस्टम या ब्रेन के किसी विशेष हिस्से में होने वाली गड़बड़ी की वजह से भी चक्कर आने की समस्या हो सकती है।

हालांकि, ब्लडप्रेशर के असामान्य ढंग से बढ़ने या घटने, शरीर में पानी, सोडियम या हीमोग्लोबिन की कमी से भी चक्कर आने की समस्या देखने को मिलती है।

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बेहोशी

पानी की कमी, दिल की धड़कन में उतार-चढ़ाव, हाई ब्लडप्रेशर की ज्यादा दवाएं लेने व नर्वस सिस्टम के प्रभावित होने पर भी व्यक्ति को चक्कर आते हैं। ऐसी स्थिति में खड़े होने पर आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है और वह बेहोश हो जाता है।

असंतुलन

अंदरूनी कान में गड़बड़ी, सेरेब्रल स्ट्रोक, ज्यादा मात्रा में अल्कोहल का सेवन, पार्किंसन्स, दृष्टि में कमजोरी या सर्वाइकल स्पॉन्डलाइटिस होने पर भी लोगों में चक्कर आने और लड़खड़ाने की समस्या होती है, जिससे कभी-कभी चलते समय लोग गिर जाते हैं।

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वार्टिगो

इसमें इतनी तेज चक्कर आता है कि इससे पीड़ित व्यक्ति चल-फिर नहीं पाता। ऐसे असंतुलन और चक्कर के दौरे कुछ मिनटों से लेकर घंटों तक जारी रहते हैं। अंदरूनी कान या सेंट्रल नर्वस सिस्टम में गड़बड़ी इसकी प्रमुख वजह है। यात्रा के दौरान होने वाली घबराहट, लगातार कई घंटों तक कंप्यूटर पर काम करना, माइग्रेन या कान के अंदरूनी हिस्से में मौजूद फ्लूइड की मात्रा बढ़ जाने की वजह से भी लोगों को ऐसी समस्या हो सकती है। इसमें चक्कर के साथ उल्टी भी हो सकती है।

बेचैनी

कई बार लोगों को बहुत ज्यादा घबराहट और बेचैनी महसूस होती है। ऐसे में किसी भी तरह लेटने या बैठने पर उन्हें आराम नहीं मिलता। पैनिक अटैक या ब्लडप्रेशर के बहुत ज्यादा बढ़ने-घटने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। वैसे तो किसी भी व्यक्ति को डिजीनेस हो सकती है लेकिन स्त्रियों में इसके लक्षण ज्यादा नजर आते हैं क्योंकि उनके शरीर में हार्मोन संबंधी असंतुलन की समस्या ज्यादा होती है।

ऐसे करें बचाव-

सिर चकराने पर सबसे पहले स्थिति को अपने अनुकूल बनाने का प्रयास करें। चक्कर अक्सर चलने-फिरने के दौरान आते हैं। अगर कभी ऐसा महसूस हो तो तुरंत बैठ जाएं। इससे शरीर को आराम मिलेगा और व्यक्ति गिरने से बच जाएगा। ऐसी स्थिति में जब चक्कर आना रुक जाए तो ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। अपनी शारीरिक अवस्था के बारे में सोचने के बजाय किसी दूसरे कार्य में ध्यान केंद्रित करें। इससे नर्वस सिस्टम को संतुलित होने का संकेत मिलता है और जल्द ही राहत महसूस होती है। कई बार घबराहट या किसी तरह के फोबिया की वजह से भी लोगों को चक्कर आता है।

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