नौकरशाहों के कारण हर विभाग बना भ्रष्टाचार का उदाहरण, दुग्ध संघ में भी हुआ घोटाला

रिपोर्ट- विशाल सिंह

गोंडा। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का दावा करते है लेकिन ये दावे कही न कही खोखले नजर आते दिख रहे है क्योंकि जिले पर बैठी नौकरशाही पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है। ताजा मामला गोंडा जिले से है जहाँ प्रबंधक दुग्ध संघ गोंडा के द्वारा बड़ा घोटाला किया गया है।मुख्यमंत्री योगी टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को रोकने के लिये ई-टेंडरिंग प्रक्रिया कराने के लिये जोर दे रही है तो वही जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारी अपना सिक्का चलाने के लिये मनमानी कर ई-टेंडरिंग न कराकर अपने चहेतो पर मेहरबानी दिखा रहे है।

महाप्रबंधक

भ्रष्टाचार में नाम कमा चुके व इसी भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे गोंडा से एक बार फिर भ्रष्टाचार के तहत एक बड़ा घोटाला सामने आया है। दरअसल इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ जब सदर के बीजेपी विधायक प्रतीक भूषण सिंह द्वारा जिलाधिकारी को लिखा पत्र मीडिया के हाथ लग गया। सदर विधायक के लिखे पत्र में विभाग को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया गया है। मेसर्स केमेकिस्स कंपनी के नियमो की अनदेखी करते हुऐ विभाग ने सामग्री आपूर्ति को लेकर 14 लाख 24 हजार रुपये  बिना ई- टेंडरिंग प्रक्रिया के अग्रिम भुगतान कर दिया।

इसी प्रकार देवीपाटन मण्डल के चारों जिले मे अकुशल, अर्धकुशल और कुशल श्रमिकों की आपूर्ति को लेकर निविदा निकाली जानी थी लेकिन वहा भी मनकों की अनदेखी की गयी। निविदाएं 20 फरवरी से 12 मार्च तक पोर्टल पर अपलोड करनी थी लेकिन विभागीय संवेदनहीनता के चलते निविदा अपलोड नहीं की गयी और मनमाने तरीके से श्रमिकों को श्रम दिया गया।

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वहीं जिम्मेदार कहते है कि श्रमिकों के लिये निविदा निकाली गयी थी किन कारणों से कार्यवाही पूरी नहीं की जा सकी ये पत्रावली में स्पष्ट नही है जबकि वर्तमान सरकार की जो मंशा है कि ई-टेंडरिंग करायी जाये इसके लिये हम प्रशासक जिलाधिकारी को पत्र लिखेंगे और जो भी इसमें दोषी होंगे उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी।

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