पूजा में इस्तेमाल होने वाला दूब है बेहद चमत्कारी, दिलाता है इन बीमारियों से राहत

दूब है बेहद चमत्कारीनई दिल्ली। दूब एक प्रकार की घास है जिसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पूजा सामग्री होने के अलावा दूब कई तरह के औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है। आयुर्वेद के मुताबिक दूब पर जब ओस पड़ी हो तो उस पर चलने मात्र से नेत्र ज्योति बढ़ती है।

साथ ही साथ सिरदर्द और तनाव के लिए भी दूब काफी लाभदायक है। जिन लोगों को अक्सर तनाव रहता है ऐसे लोग दूब को पीसकर उसका लेप अपने पैरों में लगाएं।

ऐसा करने पर मस्तिष्क को ठंडक मिलती है और दिमाग की उथल-पुथल शांत हो जाती है। इसके अलावा जिन लोगों को अक्सर सिर दर्द रहता हो वे लोग दूब को पीसकर उसमें थोड़ा सा चूना मिला लें।

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फिर इस मिश्रण को सिर पर लगाएं। इससे सिरदर्द से बहुत आराम मिलता है। इसके अलावा भी दूब के बहुत सारे लाभ होते हैं। आज हम आपको हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाने वाली दूब के कई औषधीय गुणों के बारे में बताएंगे।

दूब के इस्तेमाल से महिलाओं संबंधी कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे- ल्यूकोरिया, यूरीन इंफेक्शन आदि का इलाज किया जाता है।

दूब खून बढ़ाने में मददगार होती है। एनीमिया रोग में इसका रस पीने से काफी लाभ होता है।

शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में दूब काफी लाभकारी है। इसमें एंटी-वायरल और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। इस वजह से यह किसी भी बीमारी से लड़ने की क्षमता में वृद्धि करता है।

दूब का काढ़ा बनाकर उससे कुल्ला करने से मुंह के छाले मिट जाते हैं। इसे पीसकर इसका लेप सिर पर लगाएं तो इससे नकसीर बंद हो जाती है।

दूब के रस में अतीस के चूर्ण को मिलाकर दिन में दो बार चाटने से मलेरिया में लाभ होता है।

आयुर्वेद में दूब का प्रयोग कई बीमारियों के इलाज में होता रहा है। इसके प्रयोग से मुंह के छाले, एनीमिया, सिरदर्द मलेरिया, अनिद्रा जैसे रोग ठीक किए जा सकते हैं।

नोट : अगर आपको पहले से किसी भी तरह की कोई बीमारी है तो कृपया डॉक्टर की सलाह के बाद ही प्रयोग करें।

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