
उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से हुए भारी नुकसान के बाद लापता लोगों की खोज में युद्ध स्तर पर बचाव कार्य जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन के पांचवें दिन हर संभव तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें थर्मल इमेजिंग, विक्टिम लोकेटिंग कैमरे और खोजी कुत्तों की मदद से मलबे में फंसे लोगों को तलाशा जा रहा है।

शुक्रवार को 257 फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला गया, जबकि अब तक 729 से अधिक लोगों को हर्षिल, गंगोत्री और मातली से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
डीजीपी दीपम सेठ ने बताया कि साफ मौसम के कारण सुबह से बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। वायुसेना और यूकाडा के माध्यम से रसद, राशन और आवश्यक सामग्री आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाई गई है। हर्षिल-धराली में राहत कार्यों में तेजी आई है, और भटवाड़ी व गंगनानी मार्गों को जल्द बहाल करने की कोशिश की जा रही है। लिमचिगाढ़ में बैली ब्रिज का निर्माण भी रातभर चला, जिसमें जवान पूरे समर्पण से जुटे रहे।
आपदा से हर्षिल में सेना के शिविर को भी भारी क्षति पहुंची है। पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, फायर और राजस्व विभाग की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। सुबह आठ बजे तक 52 लोगों को, जिनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है, आईटीबीपी ने मातली स्थानांतरित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार तीसरे दिन आपदा स्थल पर मौजूद हैं और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बिजली, पानी, संचार और सड़क संपर्क बहाल करने के साथ-साथ प्रभावितों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, डीएम उत्तरकाशी को क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों और फसलों के नुकसान का आकलन करने का आदेश दिया गया है।