यूपी में खाद की कालाबाजारी पर योगी सरकार का सख्त रुख: मॉनिटरिंग के निर्देश, किसानों से की बड़ी अपील

उत्तर प्रदेश में खाद की कालाबाजारी और कमी के दावों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जिलों में उर्वरक आपूर्ति की निरंतर मॉनिटरिंग की जाए ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो।

उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे जरूरत से अधिक खाद का भंडारण न करें और आवश्यकतानुसार ही खरीद करें। योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है और पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है।

खाद की उपलब्धता और वितरण की स्थिति
कृषि विभाग के अनुसार, खरीफ सत्र 2025 में 18 अगस्त तक 42.64 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की बिक्री हो चुकी है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि (36.76 लाख मीट्रिक टन) से 16% अधिक है। यूरिया की उपलब्धता 37.70 लाख मीट्रिक टन रही, जिसमें से 31.62 लाख मीट्रिक टन की बिक्री हुई। डीएपी की उपलब्धता 9.25 लाख मीट्रिक टन रही, जिसमें से 5.38 लाख मीट्रिक टन बिका। एनपीके की उपलब्धता 5.40 लाख मीट्रिक टन रही, जिसमें से 2.39 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई। एमओपी का वितरण पिछले वर्ष के 0.25 लाख मीट्रिक टन की तुलना में इस वर्ष 0.46 लाख मीट्रिक टन और एसएसपी का वितरण 1.91 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2.79 लाख मीट्रिक टन हुआ।

मुख्यमंत्री की अपील और कालाबाजारी पर चेतावनी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों से कहा कि वे केवल जरूरत के अनुसार खाद लें और भंडारण से बचें। प्रत्येक जिले में शिकायत प्रकोष्ठ स्थापित हैं, जहां किसान अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने कालाबाजारी और ओवररेटिंग करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है और अधिकारियों को नियमित निरीक्षण, किसानों से संवाद और समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए हैं। सीएम ने पहले भी कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) जैसे सख्त कदमों पर विचार करने का आदेश दिया था।

जिलों में मॉनिटरिंग और डिजिटल पहल
मुख्यमंत्री ने जिला स्तर पर खाद वितरण की निगरानी के लिए विशेष तंत्र स्थापित करने और डिजिटल प्लेटफॉर्म, जैसे कृषि विभाग की वेबसाइट और स्थानीय मीडिया, के माध्यम से खाद की उपलब्धता और कीमत की जानकारी साझा करने का निर्देश दिया है। निजी क्षेत्र से प्राप्त उर्वरकों को सहकारी समितियों और सरकारी माध्यमों से उचित मूल्य पर किसानों तक पहुंचाने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमावर्ती जिलों में आपूर्ति की विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं ताकि तस्करी रोकी जा सके।

प्रदेश में खाद संकट के दावों का खंडन
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है। खरीफ 2025 में जून तक यूरिया का लक्ष्य 12.52 लाख मीट्रिक टन था, जबकि 28.56 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध कराया गया, जिसमें से 14.25 लाख मीट्रिक टन बिक चुका है। डीएपी का लक्ष्य 6.60 लाख मीट्रिक टन था, जिसमें से 5.83 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि विभिन्न कंपनियों के यूरिया और डीएपी की गुणवत्ता समान है, इसलिए किसानों को किसी एक ब्रांड के पीछे नहीं पड़ना चाहिए।

कालाबाजारी पर जीरो टॉलरेंस
योगी सरकार ने कालाबाजारी और तस्करी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को थोक और खुदरा विक्रेताओं के स्टॉक की नियमित जांच करने, गड़बड़ी पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त करने और प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। खाद की दुकान खोलने के लिए 10वीं पास और कृषि विज्ञान केंद्र से 15 दिन का सर्टिफिकेट कोर्स अनिवार्य है, जिसके लिए डीबीटी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।

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