लुधियाना में धुस्सी बांध टूटने से तबाही, 1.72 हेक्टेयर फसल बर्बाद, 45 लोगों की मौत

लुधियाना के ससराली गांव में धुस्सी बांध के टूटने से सतलुज नदी का पानी आसपास के इलाकों में घुस गया, जिससे भारी नुकसान हुआ। जिला प्रशासन ने ससराली और आसपास के क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। बांध के टूटने के बाद रात में गुरुद्वारे से अनाउंसमेंट कर 15 गांवों के लोगों को बच्चों और पशुओं के साथ सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई।

शुक्रवार शाम तक बांध का बड़ा हिस्सा पानी के साथ बह चुका था। प्रशासन ने बांध को मजबूत करने और 700 मीटर दूर एक नया बांध बनाने की कोशिश शुरू की, लेकिन रात होते-होते पानी नए बांध तक पहुंच गया।

प्रशासन ने ससराली, बूंट, रावत, हवास, सीड़ा, बूथबढ़, मंगली, टांडा, ढेरी, ख्वाजके, खासी खुर्द, मंगली कादर, मत्तेवाड़ा, मांगट और मेहरबान जैसे इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की। लोगों को राहों रोड, चंडीगढ़ रोड, टिब्बा रोड, कैलाश नगर, खाली कलां मंडी, खाली कलां स्कूल, भूखड़ी स्कूल, मत्तेवाड़ा स्कूल और मत्तेवाड़ा मंडी जैसे राहत केंद्रों में जाने को कहा गया।

बांध में दरारें बुधवार को ठीक की गई थीं, लेकिन पानी के तेज बहाव ने नीचे की मिट्टी को बहा दिया। रातभर ससराली और आसपास के गांवों के युवा बांध की रखवाली करते रहे, लेकिन सुबह पंजाब पुलिस और सेना ने आम लोगों को बांध के पास जाने से रोक दिया।

सेना ने बांध को मजबूत करने का काम शुरू किया, जबकि मांगट कॉलोनी में लोगों ने भी बांध बनाना शुरू कर दिया। डीसी हिमांशु जैन ने बताया कि ससराली में तीन प्रमुख स्थानों पर काम चल रहा है, जहां स्थिति गंभीर है। उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया पर बांध टूटने की अफवाहों से न घबराने की अपील की।

पंजाब में बाढ़ ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। अब तक 1.72 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। खेतों में जमा गाद अगली फसल के लिए बड़ी चुनौती बन रही है, क्योंकि इसे हटाने में भारी खर्च और मेहनत की जरूरत होगी। फाजिल्का में 18,073 हेक्टेयर, मानसा में 11,041 हेक्टेयर, अमृतसर में 26,701 हेक्टेयर, बठिंडा में 587 हेक्टेयर, फिरोजपुर में 17,221 हेक्टेयर, गुरदासपुर में 40,169 हेक्टेयर, होशियारपुर में 8,322 हेक्टेयर, जालंधर में 4,800 हेक्टेयर, कपूरथला में 17,817 हेक्टेयर, लुधियाना में 52 हेक्टेयर, मोगा में 2,240 हेक्टेयर, पटियाला में 808 हेक्टेयर, रूपनगर में 300 हेक्टेयर, संगरूर में 6,500 हेक्टेयर, मोहाली में 2,000 हेक्टेयर, शहीद भगत सिंह नगर में 362 हेक्टेयर और तरनतारन में 12,828 हेक्टेयर फसल बाढ़ में डूब चुकी है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए सेना, अर्धसैनिक बल और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। अब तक 21,929 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। सरकार ने 196 राहत केंद्र बनाए हैं, और 1,948 जिलों में 3,84,322 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इस आपदा में 45 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि तीन लोग लापता हैं।

गुरदासपुर के चौंतरा गांव में बाढ़ के बीच एक शादी को सेना ने संभव बनाया। रावी नदी के पानी से गांव में पांच फीट तक पानी जमा हो गया था, जिससे बारात निकालना मुश्किल हो गया। रिटायर सूबेदार गुरप्रीत सिंह की मदद से सेना की 270 इंजीनियर रेजीमेंट ने नाव के जरिए दूल्हे और उसके 11 रिश्तेदारों को सुरक्षित निकालकर शादी के लिए पैलेस पहुंचाया।

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