दिल्ली का प्रदूषण बेकाबू, AQI 547 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में; आनंद विहार सबसे ज्यादा प्रभावित, एनसीआर में भी ‘बहुत खराब’ हवा

दीवाली के बाद चौथे दिन भी राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है, जिससे निवासियों को सांस लेने में भारी दिक्कत हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार सुबह दिल्ली का समग्र AQI 547 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यह स्तर विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी रोगियों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। आनंद विहार क्षेत्र में AQI सबसे ज्यादा 403 रहा, जो पूरे शहर में सबसे खराब हवा का संकेत दे रहा है।

दिल्ली के अन्य प्रमुख इलाकों में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। आईटीओ में AQI 316, इंडिया गेट के आसपास 254, धौला कुआं में 257 और अक्षरधाम क्षेत्र में 403 दर्ज किया गया। यह आंकड़े सुबह 5 बजे के आसपास के हैं, और धुंध भरी सुबह ने शहर को ढक लिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, धीमी हवा और नमी की कमी ने प्रदूषण को और गहरा कर दिया है। बृहस्पतिवार को वेंटिलेशन इंडेक्स 14500 वर्ग मीटर प्रति सेकंड रहा, जबकि हवा की गति उत्तर-पश्चिम दिशा से 10-15 किमी/घंटा रही।

इलाकाAQI स्तर
आनंद विहार403
आईटीओ316
इंडिया गेट254
धौला कुआं257
अक्षरधाम403

सीपीसीबी का अनुमान है कि सोमवार (27 अक्टूबर) तक हवा ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रहेगी, जिससे आंखों में जलन, सांस की तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 27 अक्टूबर से पश्चिमी विक्षोब का प्रभाव दिख सकता है, जो हवा में सुधार ला सकता है। हालांकि, 26 अक्टूबर को हल्के बादल छाए रहने की संभावना है, लेकिन बारिश की उम्मीद नहीं है।

एनसीआर के शहरों में प्रदूषण का हाल

दिल्ली के अलावा एनसीआर के अन्य शहरों में भी राहत नहीं मिली है, हालांकि कुछ जगहों पर मामूली सुधार दिखा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा रेड जोन से ऑरेंज जोन में पहुंच गए हैं, लेकिन वायु गुणवत्ता अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। हवा की गति बढ़ने और तापमान में वृद्धि से प्रदूषण थोड़ा कम हुआ है, लेकिन नमी की कमी ने PM2.5 के स्तर को ऊंचा रखा है।

शहर/शहरAQI स्तर
गाजियाबाद (संजय नगर)208
नोएडा (सेक्टर 1)170
नोएडा (सेक्टर 125)175
ग्रेटर नोएडा180
फरीदाबाद200
एनआईटी (फरीदाबाद)230
गुरुग्राम208

23 अक्टूबर के आंकड़ों के अनुसार, नोएडा का AQI 276 और ग्रेटर नोएडा का 280 रहा, जो पिछले साल की तुलना में नोएडा में बेहतर लेकिन ग्रेनो में खराब है। यूपीपीसीबी के अधिकारियों का कहना है कि दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच एक दिन का फासला होने से प्रदूषण का असर कम पड़ा। ग्रेटर नोएडा की हवा पिछले दो सालों से बेहतर रही है, लेकिन नोएडा का AQI 5 सालों में पहली बार 300 से नीचे आया।

विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि आउटडोर गतिविधियां सीमित रखें, मास्क पहनें और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। GRAP-2 के तहत पहले से ही निर्माण कार्य सीमित हैं, और प्रदूषण बढ़ने पर सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। उम्मीद है कि आगामी विक्षोब से जल्द राहत मिलेगी।

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