
गणतंत्र दिवस को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने 6 किसान नेताओं पर FIR दर्ज की और 200 उपद्रवियों को हिरासत में लिया। इस एक्शन के कुछ देर बाद ही किसान संगठनों के आंदोलन से हटने का सिलसिला शुरू हो गया। शाम करीब साढ़े चार बजे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया। इसके करीब 15 मिनट बाद भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने भी आंदोलन से हटने का ऐलान किया।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के चीफ वीएम सिंह ने कहा कि दिल्ली में जो हंगामा और हिंसा हुई, उसकी जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेनी चाहिए। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भानु) के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह बोले कि मैं अभी इस धरने को खत्म करता हूं। किसान हल चलाता है, कुछ लोगों ने उन्हें पागल बना दिया। वे किसी ऐसे नेता के चक्कर में न पड़ें, जो अपना नाम बनाने के लिए देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।