Delhi HC: योग गुरु रामदेव के खिलाफ एलोपैथी इलाज को लेकर सुनवाई आज
दिल्ली उच्च न्यायालय में शुक्रवार यानि आज योग गुरु रामदेव के खिलाफ एलोपैथी इलाज को लेकर की गई टिप्पणी पर सुनवाई होगी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से रामदेव के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने सोमवार यानि 26 जुलाई को सुनवाई स्थगित कर दी। मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की एकल पीठ के नहीं बैठने के कारण मामले को स्थगित कर दिया गया।
एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि रामदेव गुमराह कर रहे थे और गलत तरीके से पेश कर रहे थे कि एलोपैथी कोविड -19 से संक्रमित कई लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार था, और यह संकेत दे रहा था कि एलोपैथिक डॉक्टर मरीजों की मौत का कारण बन रहे हैं। इसने प्रस्तुत किया कि रामदेव न केवल एलोपैथिक उपचारों की सुरक्षा और प्रभावकारिता के संबंध में लोगों के मन में संदेह पैदा कर रहे थे, बल्कि कोविड -19 टीके भी थे।
याचिका में कहा गया है कि रामदेव के बयान लाखों लोगों को प्रभावित कर सकते हैं और उन्हें एलोपैथिक उपचार से हटा सकते हैं, जिसे सरकार द्वारा भी देखभाल के मानक रूप के रूप में निर्धारित किया गया है। मेडिकल एसोसिएशन ने दलील में यह भी आरोप लगाया कि गलत सूचना अभियान और कुछ नहीं बल्कि रामदेव द्वारा बेचे गए उत्पाद की बिक्री को आगे बढ़ाने के लिए एक विज्ञापन और विपणन रणनीति थी, जिसमें कोरोनिल भी शामिल है, जो कोविद -19 के लिए एक वैकल्पिक उपचार होने का दावा करता है। इसने अनुरोध किया कि अगस्त 2021 में कोविड -19 की तीसरी लहर शुरू होने की संभावना है, यह जरूरी है कि रामदेव के निरंतर गलत सूचना अभियान को रोक दिया जाए।
उच्च न्यायालय ने एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ उनके कथित बयानों और पतंजलि की कोरोनिल किट के दावों के संबंध में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) की याचिका पर 3 जून को रामदेव को समन जारी किया था। इसने रामदेव के वकील को मौखिक रूप से कहा कि वह 13 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख तक कोई भड़काऊ बयान न दें और मुकदमे का जवाब दें।