Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 25 सालों में उठाए गए ये कदम

दिल्ली में स्वस्थ वायु का स्तर कम होता जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है और इसके पीछे का कारण अन्य राज्यों के पराली जलाना बताया जा रहा है। बतादें कि यहां के हालात इतने खराब होते जा रहे हैं कि शनिवार सुबह को वायु प्रदूषण का स्तर 450 (AQI) के पार निकल गया। दिल्ली में अकसर सर्दी के आते ही वायु प्रदूषण बढ़ जाया करता है। अक्टूबर भी जाने वाला है पर प्रदूषण के कम होने की कोई उम्मीद नही है। बतादें कि इस विषय पर पिछले 25 सालों नियंत्रण पाने के लिए सोध हो रहा है। कई सरकारों ने प्रयास भी किया व कई अन्य बदलाव को अंजाम दिया। आज हम आपको बीते 25 वर्षों में किए गए प्रयासों के बारे में बताएगे।

  • 1994- इस वर्ष में उच्चतम न्यायलय ने 1995 तक लेड युक्त पेट्रोल पर रोक लगाने का आदेश दे दिया था।
  • 1995- इस बार उच्चतम न्यायलय ने कैटालिटिक कंवर्टर्स के प्रयोग का आदेश सुनाया।
  • 1996- उच्चतम न्यायलय ने सभी H-Grade के उद्योगों का स्थानांतरण कर दिया।
  • 1998- इस वर्ष को उच्चतम न्यायलय ने सभी बसों व टैक्सियों को CNG को इस्तमाल करने के लिए कहा।
  • 2003- न्यायलय ने दिल्ली समेत अन्य शहरों को एक्शन प्लान बनाने का आदेश दिया।
  • 2009- NAXUS(राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानक) में बदलाव किया गया।
  • 2010- इस वर्ष में BS-4 को लागू कर दिया गया।
  • 2014- एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) को पर्यावरण मंत्रलय के द्वारा लागू किया गया।
  • 2016- सभी ट्रकों पर पर्यावरण के नुकसान की भरपाई करने के लिए टैक्स लगाया गया साथ ही ऑड-ईवन की शुरुआत की गई।
  • 2017- इस वर्ष में ग्रेडेड एक्शन प्लान को लागू कर दिया गया साथ ही व्यापक कार्य योजना को मंजूरी मिल गई थी।
  • 2018- कोयला के सभी प्लांटों को दिल्ली में बंद कर दिया गया, NGT ने राज्य स्तर पर अक्शन प्लान को लागू करने की मांग की।
  • 2019- इस वर्ष से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की शुरुआत कर दी गई थी।
  • 2020- BS-6 के साथ नए वायु प्रदूषण के कानून को लागू किया गया।
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