विपक्षियों के वार से आहत चुनाव आयोग ने तोड़ी चुप्पी, इसलिए नहीं बताई गुजरात मे वोटिंग की तारीख

गुजरात चुनाव में देरीनई दिल्ली। गुजरात चुनाव में देरी को लेकर सभी पार्टियों ने कई सवाल खड़े किये हैं लेकिन अब इन सभी बातों पर विराम लगाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाओं की तिथि के बारे में अपना पक्ष रखा है। चीफ इलेक्शन कमिश्नर अचल कुमार ज्योति ने कहा है कि ऐसे कई कारण थे जिसकी वजह से गुजरात से पहले हिमाचल प्रदेश में चुनाव कराने का फैसला लिया गया है।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के राजनीतिक दल और स्थानीय प्रशासन ने मध्य नवंबर से पहले चुनाव कराने की मांग की थी। इसकी वजह पहाड़ी इलाकों के तीन जिलों में भारी बर्फबारी को बताया गया था।

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ज्योति के मुताबिक आयोग गुजरात का चुनाव अब ऐसे प्लान कर रहा है ताकि हिमाचल के परिणाम का असर गुजरात की वोटिंग पर न पड़े।

उन्होंने कहा, ‘चुनाव प्रभावित नहीं हो, इसीलिए गिनती का समय एक ही रखा गया है।

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चुनावों में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस

वहीं गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी को लेकर कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।

पार्टी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी की केंद्र सरकार जानबूझकर चुनाव तारीखों के ऐलान में देरी करा रही है ताकि लोकलुभावन घोषणाओं के लिए मौका मिल सके।

कांग्रेस पार्टी के कानून विभाग के प्रमुख विवेक तनखा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में 14 बिंदु दिए गए हैं।

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