Indian Air Force Day: पीएम मोदी सहित रक्षा मंत्री ने दी बधाई, कहा- राष्ट्र को सुरक्षित करती है वायुसेना
Indian Air Force Day: आज इंडियन एयरफोर्स अपना 90वां वायुसेना दिवस मना रही है, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भूतपूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंदने वायुसेना कर्मियों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा राष्ट्र को सुरक्षित किया है और आपदाओं के दौरान हमेशा उल्लेखनीय मानवीय भावना भी दिखाई।
खास बात यह है कि पहली बार किसी एयरबेस से बाहर चंड़ीगढ़ की सुप्रसिद्ध सुखना लेक के आसमान में वायुसेना की ताकत का नजारा देखने को मिल रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी भारतीय वायुसेना दिवस समारोह में शामिल होंगे।
ये लड़ाकू विमान भी दिखाएं दम
हाल में वायुसेना में शामिल किए गए स्वदेशी तकनीक से बने हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) ‘प्रचंड’ द्वारा भी फ्लाई पास्ट के दौरान तीन विमान संरचना में अपने हवाई कौशल का प्रदर्शन किया जाएगा। ‘प्रचंड’ के अलावा हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस, सुखोई, मिग-29, जगुआर, राफेल, आईएल-76, सी-130जे और हॉक भी फ्लाई पास्ट का हिस्सा होंगे। हेलीकॉप्टरों में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव, चिनूक, अपाचे और एमआई-17 भी हवाई प्रदर्शन का हिस्सा होंगे. फ्लाई पास्ट की शुरुआत पैराट्रूपर की ‘आकाश गंगा’ टीम के एएन-32 विमान से नीचे छलांग लगाने के साथ होगी।
राजनाथ सिंह ने भी दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बधाई देते हुए कहा कि भारत को अपने मेन एंड विमेन इन ब्लू पर गर्व है, उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह आज चंडीगढ़ में एयरफोर्स डे सेलिब्रेशन में हिस्सा लेंगे. भारतीय वायुसेना समय-समय पर अपनी क्षमताओं को साबित किया है। भारतीय वायुसेना अब तक पाकिस्तान और चीन के खिलाफ युद्ध में अपना लोहा मनवा चुकी है।
भारतीय वायुसेना के 90 साल
Indian Air Force Day: आपको बता दे कि, भारतीय वायुसेना को आधिकारिक तौर पर 8 अक्टूबर 1932 को स्थापित किया गया था, इसकी पहली उड़ान 1 अप्रैल 1933 को अस्तित्व में आई थी। भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना और सेना के साथ-साथ देश की रक्षा प्रणाली का एक मौलिक और महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। IAF पहली बार बहादुर कार्रवाई में आदिवासी के खिलाफ वजीरिस्तान युद्ध के दौरान सामने आया था। बाद में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान IAF का जबरदस्त विस्तार हुआ, युद्ध के दौरान विशेष रूप से बर्मा में IAF एक महान रक्षा बल साबित हुआ, इसके बाद इसे रॉयल इंडियन एयर फोर्स (RIAF) के रूप में जाना जाने लगा।
1 जुलाई 2017 तक, भारतीय वायु सेना में 12,550 अधिकारियों (12,404 की संख्या 146 के साथ सेवारत) और 142,529 एयरमैन (127,172 15,357 के साथ सेवारत) की स्वीकृत संख्या है। वायुसेना पर न केवल भारतीय क्षेत्र को सभी जोखिमों से बचाने की जिम्मेदारी है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रभावित क्षेत्रों को सहायता भी प्रदान करना है. IAF कई युद्धों में शामिल रहा है, द्वितीय विश्व युद्ध, चीन-भारतीय युद्ध, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन विजय, कारगिल युद्ध, भारत-पाकिस्तान युद्ध, कांगो संकट, ऑपरेशन पूमलाई, ऑपरेशन पवन और कुछ अन्य।