छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की धार्मिक नगरी डोंगरगढ़ में एक कथित योग गुरु, तरुण उर्फ कांति अग्रवाल उर्फ योगी बाबा उर्फ सोनू (45), की काली करतूतों का पर्दाफाश हुआ है।

पुलिस ने 24 जून को प्रज्ञागिरी पहाड़ी के पास उसके आलीशान आश्रम पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया। इस छापेमारी में पुलिस ने 1.993 किलोग्राम गांजा, सेक्स टॉयज, वियाग्रा टैबलेट, नशीली गोलियाँ, और इंजेक्शन बरामद किए, जो इस ढोंगी बाबा की गलत गतिविधियों की ओर इशारा करते हैं।
पाखंडी बाबा का काला कारोबार
तरुण अग्रवाल, जो खुद को अंतरराष्ट्रीय योग गुरु बताता था, पिछले डेढ़ साल से डोंगरगढ़ की प्रज्ञागिरी पहाड़ी के पास एक फार्महाउस को आश्रम का रूप देकर अवैध गतिविधियाँ चला रहा था। उसने छह करोड़ रुपये में पाँच एकड़ जमीन खरीदी थी, जहाँ वह एक भव्य आश्रम बना रहा था। स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद पुलिस ने छापा मारा, जिसमें आश्रम से नशीले पदार्थ और आपत्तिजनक सामान बरामद हुए। पुलिस को शक है कि वह क्षेत्र के युवाओं और पर्यटकों, खासकर विदेशी लड़कियों को निशाना बनाकर नशे का कारोबार और अनैतिक गतिविधियाँ चला रहा था।
आरोपी ने दावा किया कि वह 20 साल तक गोवा में रहा, जहाँ उसने ‘क्रांति योग’ के नाम से विदेशी पर्यटकों को योग सिखाया। उसने 100 से अधिक देशों की यात्रा करने और 10 एनजीओ चलाने का भी दावा किया। पुलिस ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया है और उसके विदेशी कनेक्शनों, फंडिंग स्रोतों, और एनजीओ की गतिविधियों की जाँच कर रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
सोशल मीडिया पर तरुण अग्रवाल के विदेशी लड़कियों के साथ आपत्तिजनक वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें वह गोवा में अपने आश्रम में योग के नाम पर मस्ती करते दिख रहा है। ये वीडियो स्थानीय लोगों और पुलिस के लिए चिंता का विषय बने हैं। डोंगरगढ़ में उसके आश्रम में देर रात विदेशी लड़कियों का जमावड़ा लगने की बात भी सामने आई है, जिसने इस मामले को और गंभीर बना दिया है।
बाबा का काला इतिहास
पुलिस जाँच में खुलासा हुआ कि तरुण अग्रवाल 20 साल पहले डोंगरगढ़ में एक पीसीओ चलाता था। बाद में वह गोवा चला गया, जहाँ उसने बारटेंडर के रूप में काम किया और फिर ‘क्रांति योग’ के नाम पर आश्रम शुरू किया। उसने गेरुआ वस्त्र धारण कर और जटाधारी बनकर लोगों को ठगना शुरू किया। जाँच में यह भी सामने आया कि वह योग गुरु बाबा रामदेव से मिल चुका है, लेकिन इसका कोई ठोस सबूत नहीं है कि दोनों के बीच कोई गहरा संबंध था।
पुलिस की कार्रवाई
डोंगरगढ़ एसडीओपी आशीष कुंजाम और राजनांदगांव पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने बताया कि स्थानीय लोगों की शिकायतों के आधार पर 24 जून को आश्रम पर छापा मारा गया। तरुण अग्रवाल को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस को आश्रम में गांजा, सेक्स टॉयज, नशीली गोलियाँ, और वियाग्रा की गोलियाँ मिलीं, जो उसके काले कारोबार की पुष्टि करती हैं।
पुलिस यह भी जाँच कर रही है कि क्या तरुण अग्रवाल नशे की तस्करी और युवाओं को नशे की लत में धकेलने का काम कर रहा था। उसके विदेशी कनेक्शनों और अवैध संपत्ति के स्रोतों की भी गहन पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने आश्रम से बरामद सामानों को फोरेंसिक जाँच के लिए भेजा है।