‘क्रेच’ या ‘डे-केयर’ शुरू करके कर सकते हैं बेहतरीन कमाई, जानें क्या होता है ‘क्रेच बिजनेस’

नई दिल्ली| यदि आप कुछ ऐसा काम करना चाहते हैं जिस में घर की देखभाल के साथ साथ कमाई भी हो सके तो शिशु सदन, जिसे आमतौर पर लोग क्रेच कहते हैं, घर बैठे पैसे कमाने का आसान विकल्प है। क्रेच में आप दूसरों के बच्चों को दिन के कुछ समय थोड़ा सा प्यार दे कर अपने अकेलेपन को दूर करने के साथसाथ पैसे भी कमा सकते हैं।

'क्रेच' या 'डे-केयर' शुरू करके कर सकते हैं बेहतरीन कमाई, जानें क्या होता है 'क्रेच बिजनेस'

क्या है क्रेच

क्रेच वह जगह है जहां बच्चों को दिन के समय घर जैसा माहौल और स्नेह दिया जाता है। वहां बच्चों को साफ रखने, गंदे कपड़े बदलने के साथ उन के खानेपीने से ले कर उन के खेलने तक का पूरा ध्यान रखा जाता है। क्रेच में बच्चों के खाने से ले कर सोने तक का समय तय रहता है। वहां उन के साथ कई हमउम्र बच्चे रहते हैं जिन के साथ वे छोटीछोटी चीजों को सीखते भी हैं।

कैसे खोलें क्रेच

अपने घर में या पड़ोस में बच्चों के हिसाब से किसी सुरक्षित जगह पर आप क्रेच खोल सकते हैं। अगर आप अपने घर में खोल रही हैं तो यह जरूर देखें कि घर में इतनी जगह हो कि बच्चे वहां आराम से रह सकें, खिलौनों से खेल सकें। घर में जगह की कमी हो तो पड़ोस में किराए पर जगह ले कर भी क्रेच खोल सकते हैं। इस के लिए आप को बच्चों के लिए कुछ खिलौने, उन की जरूरत की चीजें और कुशल मेड की जरूरत पड़ेगी, जो बच्चों को संभाल सके, उन की देखभाल कर सके।

जरूरी सामान

क्रेच में कम से कम इतना सामान होना चाहिए कि बच्चे उन से खेल सकें। बच्चों की उम्र के हिसाब से रंगबिरंगे खिलौने और मोटरगाडि़यां, वीडियो गेम्स, कार्टून देखने के लिए टीवी, उन के सोने के लिए बैड, पढ़नेलिखने के लिए बच्चों की कुछ किताबें बाजार से खरीद लें।

बच्चों के लिए मेड

बच्चों को संभालने के लिए के्रच में कम से कम 2 कुशल मेड की जरूरत पड़ेगी, जो सुबह से शाम तक उन की सही तरीके से देखभाल कर सकें। वे उन्हें खाना खिलाएं, समय पर सुलाएं, उन्हें छोटीछोटी चीजें सिखाएं आदि। लेकिन हां, मेड के हवाले ही बच्चों को न छोड़ें, बल्कि मेड पर निगरानी रखें कि वे बच्चों को अच्छे से संभाल रही हैं या नहीं। आप चाहें तो खुद भी उन की देखभाल कर सकती हैं। कई बार ऐसा होता है कि आप का ध्यान जरा सा इधर से उधर हुआ नहीं कि मेड चोरी करने लगती है। अगर मेड ने इस तरह की गलती पहली बार की है तो उसे माफ कर दें। लेकिन अगर वह ऐसी गलती बार बार करती है तो उसे पुलिस की धमकी दे कर डराएं।

समय और फीस

क्रेच में घंटे और बच्चों की उम्र के हिसाब से फीस ली जाती है। जैसे अगर 5-6 महीने का बच्चा है और वह सुबह के 7 बजे से शाम के 7 बजे तक क्रेच में रहता है तो 5-6 हजार रुपए लिए जाते हैं। अगर बच्चा सिर्फ 2-3 घंटे के लिए आता है तो 1000-1500 रुपए वसूले जाते हैं। अधिकांश क्रेच में घर वाले बच्चों को खाना व दूध पैक कर के देते हैं, लेकिन कुछ क्रेच ऐसे भी हैं जहां बच्चों को खाना भी दिया जाता है। इन क्रेचों की फीस थोड़ी ज्यादा होती है। आप अपनी सुविधानुसार इन में से कोई सा भी क्रेच शुरू कर सकते हैं।

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समस्या व निदान

क्रेच में कई तरह की छोटी छोटी समस्याएं आएंगी, जैसे बच्चा लगातार रो रहा है, अचानक उस की तबीयत खराब हो जाती है, मां उसे लेने देर से आती है, बातबात पर वह झगड़ा करती है, हर बात के लिए शिकायत करती है आदि। इन समस्याओं से परेशान होने की जरूरत नहीं है बल्कि आप आसानी से इन समस्याओं का हल निकाल सकते हैं और घर बैठे पैसे कमा सकते हैं। जैसे अगर बच्चा लगातार रो रहा है, चुप नहीं हो रहा है तो पहले यह जानने की कोशिश करें कि आखिर वह क्यों रो रहा है।

कई बार बच्चे गीली नैपी, भूख लगने, दांत निकलने, तबीयत खराब होने की वजह से रोते हैं। आप उन्हें गोद में उठाएं, प्यार से सहलाएं, खिलौने से उस के साथ खेलें। बच्चा थोड़ा बड़ा है तो उसे कहानी सुनाएं। लेकिन अगर बच्चे की तबीयत ठीक नहीं है तो खुद से कोई भी दवा न खिलाएं। बल्कि मातापिता को फोन पर बच्चे की तबीयत के बारे में बताएं। अगर वे दवा का नाम बता रहे हैं और बच्चे को देने के लिए कह रहे हैं तो वह दवा बच्चे को दें। इस के लिए आप अपने आसपास की दवा दुकानों के नंबर अपने पास रखें ताकि उन्हें फोन पर बता कर दवाएं मंगा सकें।

अगर क्रेच में बच्चे को किसी चीज से चोट लग जाए तो तुरंत मातापिता को इस की सूचना दें और बच्चे की प्राथमिक चिकित्सा करें।

अगर कभी बच्चे का खाना खराब हो जाए तो ऐसी स्थिति में उसे भूखा न रखें बल्कि अपनी तरफ से उसे कुछ जरूर खिलाएं, पर ध्यान रखें कि वह ताजा बना हो। बच्चे की अच्छी तरह से देखभाल करने के बाद भी कई बार ऐसा होता है कि मां झगड़ती है। शिकायत करती है कि क्रेच में उस के बच्चे का सही से ध्यान नहीं रखा जाता, उस की नैपी गीली रह गई थी, कपड़े गंदे थे, मेड ने बच्चे को डांटा आदि।

ऐसी बातें सुन कर आप गुस्सा न हो जाएं बल्कि समझदारी से काम लें। उन्हें समझाएं कि क्रेच में सारे बच्चों का एकसमान ध्यान रखा जाता है। अगर नैपी गीली थी तो हो सकता है कि बच्चे ने थोड़ी देर पहले ही गीली की हो। लेकिन अगर कोई मां हर बात के लिए आप से झगड़ा करें तो उस से सारी बातें पहले ही स्पष्ट कर लें ताकि आप के बीच किसी तरह का मनमुटाव न रहे।

 

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