

- क्या आप एक बार कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो गए हैं तो ये वायरस आपको दोबारा संक्रमित करेगा?
- किन लोगों को इससे अधिक खतरा है?
- क्या आपके कपड़ों पर ये वायरस एक्टिव रह सकता है?
- क्या फोन से भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है?
- क्या स्विमिंग पूल में नहाना भी संक्रमित कर सकता है?
अभी ये ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला मामला अभी दिसंबर के आस-पास ही सामने आया है। हालांकि पहले के वायरसों के अनुभव से ये कहा जा सकता है कि एक बार संक्रमण के बाद वायरस के खिलाफ़ शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति एंटी बॉडीज बना लेती है। इससे भविष्य के लिए इस वायरस से बचाव हो जाता है।
उदाहरण के तौर पर सार्स और मार्स वायरस (जो कि कोरोना वायरस की फैमिली से ही हैं) की पहले की किस्मों में दोबारा संक्रमण देखने को नहीं मिला। हालांकि चीन से मिल रही ताजा रिपोर्टों में ये बात कही जा रही है कि अस्पताल से डिस्चार्ज किए जाने के बाद भी कुछ लोगों में फिर से संक्रमण पाया गया है। लेकिन पुख्ता तौर पर इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
ज्यादातर जगहों में स्विमिंग पूलों में क्लोरीन डाला जाता है जिससे वायरस खत्म हो जाते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि स्विमिंग पूल में क्लोरीन ठीक मात्रा में मिलाया गया है तो वो सुरक्षित है। लेकिन यूके जैसे कई देश लोगों को सार्वजनिक जगहों पर जाने से मना कर रहे हैं क्योंकि किसी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने संक्रमण का पर खतरा हो सकता है।
चेंजिंग रूम या बिल्डिंग में किसी वस्तु या दरवाजों को छूने से संक्रमण का खतरा हो सकता है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति पूल में आपके नजदीक हो और खांस दे या छींक दे तो भी आपको संक्रमण का खतरा हो सकता है।
यह इस बात पर निर्भर करता है कि सतह कौन सी है। दरवाजे का हैंडल, लिफ्ट बटन जैसे धातु जैसी सतहों पर ये 48 घंटों तक एक्टिव रह सकते हैं। कुछ पुराने रिसर्च के आधार पर कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस अनुकूल परिस्थितियों में एक हफ्ते तक भी एक्टिव रह सकते हैं। इन चीजों को छून के बाद आप उन्हीं हाथों से अपना चेहरा न छुएं। हाथों को सैनिटाइज करने के बाद ही ऐसा करें।
इसलिए ये अहम है कि आपका फोन चाहे घर पर हो या दफ़्तर में पूरी तरह से बार-बार साफ़ हो। सभी प्रमुख फोन बनाने वाली कंपनियां मोबाइल फोन को एल्कोहॉल से, हैंड सैनिटाइजर से या स्टरलाइजिंग वाइप्स से साफ़ करने को लेकर आगाह करती हैं क्योंकि इससे फोन की कोटिंग को नुकसान होने का खतरा रहता है।
अगर ऐसा है तो आप फोन को साबुन और पानी या फिर पेपर टॉवल से साफ़ कर सकते हैं लेकिन ऐसा करने से पहले ये जरूर जांच लें कि आपका फोन वाटर रेजिस्टेंस है या नहीं।