राफेल डील के खिलाफ सोनिया के नेतृत्व में कांग्रेस का संसद के बाहर प्रदर्शन

नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष व कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने शुक्रवार को विवादास्पद राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अपनी पार्टी के सांसदों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और इस मामले को लेकर जेपीसी जांच की मांग की। भारत ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए समझौता किया है।

कांग्रेस का संसद के बाहर प्रदर्शन

कांग्रेस नेता हाथों में तख्तियां लिए राफेल सौदे की जांच एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग करते हुए संसद भवन परिसर में स्थित गांधी प्रतिमा के पास जमा हुए और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पूर्व रक्षामंत्री ए.के.एंटनी, अंबिका सोनी व पार्टी के वरिष्ठ सांसदों ने प्रदर्शन में भाग लिया।

प्रदर्शन में भाग लेने वाली दूसरी पार्टियों में तृणमूल कांग्रेस, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) व आम आदमी पार्टी (आप) शामिल रही।

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इससे पहले कांग्रेस सदस्यों ने लोकसभा में शून्य काल के दौरान नारेबाजी की और राफेल सौदे की जेपीसी जांच की मांग की और बाद में सदन के मध्य में जमा हो गए।

कांग्रेस सदस्यों ने राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन किया, और कुछ समय के लिए सदन को बाधित किया।

आजाद ने राज्यसभा में कहा, “यह दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है। हम राफेल सौदे की एक संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग करते हैं।”

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संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य की जरूरत है।

इससे पहले कांग्रेस सांसदों ने सरकार के सदन में बिना किसी चर्चा के तीन विधेयकों को पारित करने के कदम के विरोध में राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू के साथ नाश्ते पर होने वाली बैठक का बहिष्कार कर दिया।

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