सैकड़ों परिवार के पेट पर ‘लात’, कारण बना ताजमहल का हुस्न
आगरा। दुनिया के आश्चर्य में एक मोहब्बत की निशानी ताजमहल की खूबसूरती का दीवाना पूरा विश्व है। ताजमहल के हुस्न पर किसी माशूका के लिए बनाई गई शायरी तक फिट बैठ जाती है। लेकिन कभी सुना करते थे कि खूबसूरती खतरनाक भी होती है। आगरा में ऐसा दिखा भी गया।
ताजमहल को जवां बनाए रखने के लिए सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चिंतित रहती है। अब यही चिंता सैकड़ों परिवार के लिए रोटी का संकट लेकर आई है। ताजमहल की खूबसूरती के लिए 661 परिवार निशाने पर लिए गए हैं। इनके पेट पर लात मारने की पूरी तैयारी कर ली गई है।
ताजमहल के हुस्न को प्रदूषण से बचाने के लिए अब शासन कह रहा है कि चूल्हे मत जलाओ, क्योंकि चूल्हे के धुएं से ताजमहल के हुस्न को खतरा है। गरीब पूछ रहे हैं कि चूल्हे नहीं जलाएंगे, तो रोटी कैसे बनाएंगे।
ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए प्रशासन ताज के चार किलोमीटर की परिधि में अब लकड़ी और कोयले से मिट्टी के चूल्हे जलाना प्रतिबंधित करने की तैयारी में है। ताज ट्रिपेजियम जोन अथॉरिटी (टीटीजेड) ने लकड़ी और कोयला जलने से उठने वाले धुएं को ताजमहल के लिए खतरा बताया है।
ताजमहल के आसपास जलने वाले चूल्हों की गिनती शुरू कर दी गई है। ताजमहल को संरक्षित करने और उसे धूल-धुएं से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ताज ट्रिपेजियम जोन बनाया गया था।
इस जोन में 10400 वर्ग किमी का हिस्सा शामिल है। इसी के तहत टीटीजेड में सभी तरह की कोल फैक्ट्रियां भी प्रतिबंधित हैं। ताजनगरी से ऐसे सभी उद्योगों को बाहर शिफ्ट किया जा चुका है।
हाल ही में टीटीजेड अथॉरिटी के अध्यक्ष के राम मोहन राव ने संबंधित विभागों के साथ बैठक की थी। बैठक में सामने आया कि ताजमहल के आसपास कई ग्रामीण इलाके भी आते हैं, जहां पर घरों में आज भी लकड़ी और कोयले से चूल्हे जलाए जा रहे हैं। उनसे उठ रहा धुआं भी ताजमहल के लिए खतरा बन रहा है। इसलिए टीटीजेड अथॉरिटी ने अब ऐसे चूल्हों को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है।
पहले चरण में ताज के दो किलोमीटर की परिधि के अंदर वाले 661 परिवार चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा और भी कुछ परिवार हैं, जिन्हें चिह्नित करने का काम चल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक दूसरे फेज में चार किमी की परिधि वाले इलाके शामिल किए जाएंगे।
आगरा के अपर जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह ने बताया कि ऐसे सभी परिवारों को नए गैस कनेकशन दिए जाएंगे। हालांकि इसके लिए हर परिवार से 1000 रुपए भी वसूला जाएगा।
हालांकि गरीब पूछ रहे हैं कि हमारे परिवार में खाने का जुगाड़ मुश्किल से हो पाता है, गैस भरवाने के पैसे कहां से आएंगे।