साक्षरता दिवस पर सीएम योगी ने बच्चों को दिया अनमोल तोहफा, इन सुविधाओं लैस स्कूल में कर सकेंगे पढाई

रिपोर्ट- अवनीश कुमार

लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर योगी सरकार ने जर्जर प्राइमरी स्कूल के बच्चों को बड़ी सौगात दी है। शिक्षा विभाग ने दो साल पहले बनकर तैयार अभिनव स्कूल को बच्चों के लिए खोल दिया है।

अभिनव स्कूल

14 करोड़ की लागत से बने इस स्कूल में कम्प्यूटर लैब, स्टाफ रूम, साइंस लैब समेत सभी सुविधाएँ हैं। जो एक कान्वेंट स्कूल को चुनौती देते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर उन बच्चों को सबसे ज्यादा ख़ुशी मिली। जो 1913 के बने जर्जर प्राथमिक स्कूल में पढ़ रहे थे। किसी भी मौसम में यह अच्छे अपनी जान जोखिम में डालकर पढाई करते थे।

वहीँ शिक्षकों के लिए भी बैठने की कोई व्यवस्था नहीं थी। अब इनके दिन बदल गए। अब इनको एहसास होता है कि एक ही दिन में उनको वह व्यवस्थाएं मिली हैं। जो कान्वेंट में होती है।

इन बच्चों में उम्मीद की किरण जगी है और सभी में अच्छी शिक्षा की आस जगी है। एक दिन पहले जर्जर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सरकार की ओर से अभिनव स्कूल खोल दिया गया है।

14 करोड़ की लागत से बने इस अभिनव विद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए क्लास रूम, म्यूजिक ऐंड डांस रूम, सिक रूम, कम्प्यूटर लैब से लेकर शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग ब्लॉक, स्टाफ रूम, प्रिंसिपल रूम सहित तमाम सुविधाएं हैं।

हालांकि, सभी क्लास में फर्नीचर उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन जल्द ही शिक्षा विभाग फर्नीचर उपलब्ध करवाएगा। अभिनव विद्यालय मिलने से बच्चों में ख़ुशी का ठिकाना नहीं है। बच्चों ने बताया कि पुराने जर्जर भवन में किस तरह से दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। स्कूल में शौचालय तक की सुविधा नहीं थी। क्लास में रौशनी भी नहीं पहुंच पाती थी।

बेसिक विभाग विभाग के मुताबिक, करीब 14 करोड़ 75 लाख 19 हजार की लागत बने स्कूल का शिलान्यास 16 जून 2015 को पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने किया था। इसके बाद 22 दिसंबर 2016 को उन्होंने ही लोकार्पण भी किया।

हालांकि, दो साल बाद भी बच्चों को स्कूल की सौगात नहीं मिल सकी थी। लेकिन अब इसे बच्चों के लिए खोल दिया गया है। यह स्कूल किसी भी कान्वेंट स्कूल की सुविधाओं को चुनौती देने के लिए काफी है।

अभिनव विद्यालय की प्रभारी ने बताया कि नए भवन में आने से बच्चों में एक उम्मीद जगी है कि उन्हें भी बेहतर और आधुनिक माहौल में शिक्षा हासिल होगी। सभी का सपना है कि वह आगे चलकर कुछ न कुछ बने, जिसके लिए शिक्षा का बेहतर माहौल होना बहुत जरुरी है।

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल के दौरान लखनऊ और इटावा के सैफई में एक-एक अभिनव विद्यालय खोलने का फैसला लिया था। लखनऊ के मड़ियावं गांव में स्थान चिन्हित कर उप्र राजकीय निर्माण निगम को निर्माण का जिम्मा सौंपा गया

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इसके पास ही प्राथमिक विद्यालय है। शिक्षा विभाग ने दावा किया था कि अभिनव स्कूल बनकर तैयार होने के बाद प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को इसमें शिफ्ट कर दिया जाएगा।

स्कूल के संचालन का जिम्मा बेसिक शिक्षा परिषद के पास है। इसमें कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होगी। स्कूल सरकारी होने के कारण दाखिले भी नि:शुल्क होंगे।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चाहते हैं कि सभी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाएं। अगर अभिनव स्कूल की सुविधाएँ और इसका मॉडल हर जगह लागू किया जाये, तो वह दिन दूर नहीं होगा। जब सरकारी स्कूलों में राजनेताओं, सरकारी अफसरों समेत सभी के बच्चे इसका लाभ लेंगे।

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