नक्सलियों का दिल जीतने के लिए सीएम ने बारूदी सुरंगों पर दौड़ाई बाइक

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का बोल बाला शुरू से रहा है. अपने हक़ की लडाई के लिए सरकार और संविधान के खिलाफ संघर्ष कर रहे नक्सलियों का प्रभाव समाज में असुरक्षा के एहसास को लगातार पोषित करता रहा है. बस्तर जैसे जिले को नक्सलियों की पनाहगाह माना जाता है जहाँ से उनकी गतिविधियों को अमली जमा पहनाया जाता है. लेकिन सीएम रमन सिंह ने नक्सलियों को सामाजिकता का पाठ पढाते हुए अनूठी मिसाल पेश की है.

रमन सिंह

मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने लोक सुराज कार्यक्रम के पहले दिन धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहे सुकमा जिले में विकास और बदलाव की प्रतीक इजीरम-भेज्जी सड़क मार्ग पर मोटरसाइकिल से यात्रा की और इस सड़क का नामकरण शहीद जगजीत सिंह के नाम पर किया. शहीद जगजीत सिंह इसी सड़क के निर्माण को सुरक्षा प्रदान करते समय नक्सल आक्रमण का मुकाबला करते हुए एक साल पहले 11 मार्च 2017 को शहीद हुए थे.

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इस धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास पहुंचाने के डॉ रमन सिंह के संकल्प के तहत सड़क निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया था. यह कार्य एक बड़ी चुनौती था.

नक्सलियों ने इस सड़क मार्ग का निर्माण रोकने के लिये भरसक कोशिश की और 49 बारूदी सुरंगे लगाई थी.

यह सड़क छत्तीसगढ़ सरकार के लोक सुराज अभियान की भावना का सही रूप में प्रतिनिधित्व करती हैं जिसमें राज्य के अंतिम छोर पर बसे वनवासी तक सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पहुंचाने के लिये संकल्प लिया गया है.

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सरकारी नीतियों को खुद के विपरीत समझने वाले नक्सली संगठन लगातार सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराते रहे हैं लेकिन संवैधानिक एकता और अखंडता का पाठ पढाने के लिए सरकार तरह तरह की नीतियों से उनका ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करती रही है.

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने विपरीत परिस्थितियों में 2 साल में बनी इस सड़क का मोटरसाइकिल पर निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि बस्तर में विकास का रथ अब रुकेगा नहीं.

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