CM आदेशों को ठेंगा दिखा रहे है अवैध प्राइवेट स्कूल, कर रहे हैं बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
अशोक द्विवेदी ,लखनऊ| DM के आदेश के बाद भी राजधानी में खुलेआम चल रहे अवैध स्कूल मुख्यमंत्री आवास से महज 20 किलोमीटर दूर मनमानी करते नजर आ रहे है। इन स्कूलों को CM के आदेश का भी डर नहीं है, निजी स्कूल सरकार के सख्त रवैया के बावजूद भी राजधानी में चल रहे हैं।
इसी तरह बिना मान्यता प्राप्त स्कूल सरोजनीनगर हनुमान पुरी में चल रहा है जो सैकड़ों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। मासूम बच्चों की जान जोखिम में डालकर प्राइवेट स्कूलों का शासन के मानकों के विपरीत घर में चलाना बहुत ही सोचनीय है।
लेकिन जो लोग स्कूल संचालन कर रहे हैं उनकी शिक्षा विभाग में ऊंची पहुंच के चलते कोई अधिकारी भी उनके स्कूल की जांच करने नहीं आता है, जिसकी वजह से स्कूल प्रबंधक के हौसले बुलंद हैं।
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आपको बता दें मुख्यमंत्री आवास से मात्र 20 किलोमीटर दूर सरोजनीनगर के हनुमान पुरी गली नंबर 4 अर्जुन एजुकेशन पॉइंट ( A E P) पिछले 8 वर्षों से संचालित हो रहा है अधिकारियों से सांठगांठ के चलते खुलेआम चल रहा स्कूल कई स्कूलों में शिक्षा विभाग की संलिप्तता नजर आई है। जिसके चलते शिक्षा विभाग के अधिकारी इन स्कूलों में जांच करने नहीं जाते जिसका फायदा उठाकर स्कूल संचालक परिजनों को गुमराह कर धड़ल्ले से लूट मचा रहे हैं और शिक्षा विभाग की मिलीभगत से बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों का बाजार तेजी से फैल रहा है।
वही सरोजनीनगर हनुमान पुरी निवासी सुमन ने बताया कि हमारे 3 बच्चे पिछले 8 साल से पढ़ रहे हैं हमको जानकारी नहीं है कि स्कूल की मान्यता नहीं है सुमन ने बताया कि स्कूल में न ही प्ले ग्राउंड है, न पार्किंग है और ये घर में चल रहा। है स्कूल फायर एनओसी नहीं है एक्वागार्ड नहीं जिससे शुद्ध पानी बच्चों को मिल सके।
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वहीं एक अभिभावक नीलम सिंह ने बताया कि उन्होंने बच्चे का एडमिशन स्कूल में कराया है। इसमें एक रूम में तीन तीन क्लास चल रही है प्राइवेट बैन से स्कूल में बच्चे ढोये जाते हैं और संचालक उसी घर में रहते हैं जो कि मानक के विपरीत है। स्कूल संचालक सब कुछ छुपा कर बच्चों का एडमिशन कर अपने स्वार्थ के लिए बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं। मार्कशीट मांगने पर भी नहीं देते हैं। जिसकी वजह से दूसरे स्कूलों में बच्चों को एडमिशन कराने में समस्याएं होती है।