CM योगी को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने खोली दावों की पोल, कहा- फोन तक नहीं उठाते हैं अफसर

यूपी में लगातार कोविड को लेकर व्यवस्थाएं पूरी तरह से बेहतर बताई जा रही है। हालांकि इस बीच केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिए गए पत्र ने इन दावों का कलई ही खोलकर रख दी है। पत्र में केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य विभाग के कुछ महत्वपूर्ण अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं। इसी के साथ रेफरल के नाम पर मरीजों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक भटकने के लिए मजबूर किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री ने पत्र में कहा कि मध्य प्रदेश में एमएसएमई के तहत ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए अस्पतालों को सरकार द्वारा 50 फीसदी छूट दी जाती है। जिसके बाद उन्होंने सुझाव दिया कि बरेली में भी कुछ निजी और सरकारी अस्पतालों को इस छूट के साथ जल्द ऑक्सीजन प्लांट मुहैया करवाया जाए। जिससे ऑक्सीजन की कमी जल्द दूर हो सके।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने यह भी अवगत करवाया कि अस्पतालों में उपयोग होने वाले मल्टीपैरा मॉनीटर, बॉयोपैक मशीन, वेंटिलेटर समेत कई अन्य जरूरी उपकरणों की कालाबाजारी कर उन्हें डेढ़ गुनी कीमतों तक पर बेचा जा रहा है। लिहाजा इनकी कीमते निर्धारित की जाएं और एमएसएमई से रजिस्टर्ड निजी अस्पतालों को छूट दिलाई जाए।

यही नहीं उन्होंने आगे कहा कि रेफर होने के बाद भी अस्पताल में बेड न मिलने पर मरीज जब दूसरे अस्पताल जाता है तो उससे कहा जाता है कि जिला अस्पताल से दोबारा रेफर कराकर लाओ। फिर इधर-उधर भटकने के दौरान मरीज की ऑक्सीजन लगातार कम होती रहती है। ऐसे में मरीज को पहली बार रेफर किया जाए तभी उस पर्चे पर सभी रेफरल सरकारी अस्पताों को अंकित कर दिया जाए। जिससे की मरीज को भटकना न पड़ें।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की शिकायत भी इस पत्र के माध्यम से करते हुए लिखा गया है कि जिम्मेदार होने के बावजूद वह फोन तक नहीं उठाते हैं। जिससे मरीजों को और अधिक असुविधा हो रही है।

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