CM योगी ने बदायूं को दिया 1328 करोड़ का तोहफा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को बदायूं जनपद पहुंचे। यहां उन्होंने 1328 करोड़ की 359 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास व आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना में चाभी समेत विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को चेक और स्वीकृति-पत्र वितरित किए। कार्यक्रम में सीएम योगी ने जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्षी दल पर हमला बोला। जब कोरोना आया था तो सभी विपक्षी पार्टियां ट्वीटर पर चिड़ियां उड़ा रहे थे लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आया बाहर आ गए, लेकिन उन्हें चुनाव के वक्त भी ट्वीटर पर रहना चाहिए, जो आपकी विपत्ति में साथ नहीं दे सकता तो वो आप का क्या भला करेगा।

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मुंख्यमंत्री ने कहा, 2017 से पहले जब केंद्र सरकार द्वारा कोई भी योजना उत्तर प्रदेश आती थी तो यहां की सरकार उसका लाभ आप लोगों तक नहीं पहुंचाती थी। विकास की योजनाओं का जो हम लोग शिलान्यास करते हैं, उनका लोकार्पण भी हम लोग करते हैं। 2017 से पहले यूपी ही हालत क्या थी हर तीसरे दिन यहां दंगे होते थे, अराजकता चरम पर थी, पूरे प्रदेश के अंदर बेटियां अपने को असुरक्षित महसूस करती थीं। हमारी सरकार के पहले जब भी कोई पर्व व त्यौहार आते थे तो कर्फ्यू जैसे हालात होते थे, दंगाइयों का बोलबाला होता था लेकिन हमारी सरकार आने के बाद आज हर पर्व त्यौहार मनाए जा रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा, आज प्रदेश में सत्ता के संरक्षण के पलने वाले अपराधियों और माफियाओं पर कार्रवाई हो रही है जिसका नतीजा है कि आज प्रदेश दंगा मुक्त हुआ है। 2017 से पहले पर्व और त्योहार मनाते थे, तब कोरोना भी नहीं था। लेकिन कर्फ्यू के कारण हमारी आस्था पर कुठाराघात होता था। उस समय अगर किसी ने उन दंगाइयों के खिलाफ आवाज उठा दी, तो झूठे मुकदमे में फंसाकर उन्हें प्रताड़ित किया जाता था।

सीएम योगी ने आगे कहा कि कुछ लोग कहते थे कि राम हैं कि नहीं, वो लोग अयोध्या जाने से भी संकोच करते थे लेकिन अयोध्या में जिस तरह से इस बार दीपावली ने पूरे विश्व में एक नया कीर्तमान बना दिया। प्रदेश सुरक्षित रहे पिछली सरकारों का एजेंडा ही नहीं था, उनका परिवार पैसा कमा ले, विदेशों में प्रापर्टी खरीद कर अपना आशियाना बना ले क्योंकि वो सिर्फ अपने परिवार को ही देखते थे उनके लिए प्रदेश की 24 करोड़ जनता कोई मायने नहीं रखती थी। किसानों की बात करने वालों से पूछना चाहिए कि सात वर्षों से गन्ना मूल्य का भुगतान क्यों नहीं किया था। किसान से उपज सरकार सीधा क्यों नहीं खरीदती है। आखिर क्यों आढ़तियों का सहारा लिया जाता था। ये सभी काम 2017 से पहले भी हो सकते थे।

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