स्वच्छ भारत अभियान : अपने ही नहीं कर रहे ‘दरवाजा बंद’ तो जनता से कैसे करें उम्मीद

स्वच्छ भारत अभियाननई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को भाजपा के ही कुछ नेता पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। एक और जहाँ जोर-शोर से समाचार पत्रों से लेकर टेलीविजन पर खुले में शौच से परहेज और हर घर में शौचालय बनाने पर जोर को लेकर मुहिम चलाई जा रही है। गांव-गांव जाकर खुले में शौच न करने को लेकर बीजेपी नेता और कार्यकर्ता लोगों को जागरुक करते रहे हैं। वहीं उनकी पार्टी के सांसद की बेटी का परिवार स्वच्छ भारत अभियान में कोई दिलचस्पी दिखाता नजर नहीं आ रहा है।

मध्य प्रदेश के अनूपपुर से जिला पंचायत की अध्यक्ष रूपमती सिंह मारावी के घर शौचालय न होने की बात सामने आई है।

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बता दें कि रूपमति बीजेपी नेता दलपत सिंह परास्ते की बेटी हैं जो कि पांच बार सांसद रह चुके हैं। जब जिला पंचायत के घर में ही शौच नहीं है तो ऐसे में अनूपपुर के 50 हजार लोग भी शौच के लिए खुले में ही जाते हैं।

बता दें जिला से 130 किलोमीटर खामरोध गांव की रहने वाली रूपमती 2015 में जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं।

ख़बरों के मुताबिक़ जब उनसे यह पूछा गया कि उनके घर में शौचालय क्यों नहीं है तो रूपमति ने कहा शौचालय बनाने का काम चल रहा है।

इस साल अप्रैल में शौचालय निर्माण कार्य शुरु हुआ था लेकिन भारी बारिश के कारण काम बीच में ही रुक गया। फिलहाल फिर से काम शुरु हो गया है जो कि एक हफ्ते में पूरा हो जाएगा।

जिला प्रशासन के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में 1।44 घर है जिनकी आबादी 50 हजार है। ये सभी लोग शौचालय न होने के कारण खुले में शौच के लिए जाते हैं। जिले में केवल 93,134 घर ऐसे हैं जिनमें शौचालयों का निर्माण किया गया है।

इस बारे में जब स्वच्छ भारत अभियान के कोर्डिनेटर राम नरेश से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जिला पंचायत, सरपंच और पंच समेत सभी प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर शौचालय नहीं है तो वे तुरंत ही उसका निर्माण कराएं।

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उन्हें स्पष्ट तौर पर हिदायत दी गई है कि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो पंचायती राज एक्ट के तहत उनपर कार्यवाही की जाएगी।

इनमें कई लोगों ने तो शौचालय बनवा लिए हैं लेकिन अभी भी 20 प्रतिशत ऐसे हैं जिनके घर में शौचालय नहीं है।

इस मामले को देखकर एक बात तो समझ आती है कि जब जनता का प्रतिनिधि ही भारत को स्वच्छ रखने को लेकर गंभीर नहीं है तो ऐसे में आम जनता से क्या उम्मीद की जा सकती है।

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