पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में पाई जाती है ये गंभीर बीमारी, ऐसे करें बचाव

लखनऊ। दुनियाभर में किडनी की बीमारी से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। मेडिकल साइंस में इसे क्रॉनिक किडनी डिसीस (सीकेडी) कहते हैं। सीकेडी यानी किडनी का काम करना बंद कर देना। इस बीमारी से लोगों को उबारने के लिए और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मार्च के दूसरे गुरुवार को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है।

गंभीर बीमारी

वर्ल्ड किडनी डे और विश्व महिला दिवस एक साथ होने की वजह से इस बार की थीम भी महिलाओं पर केंद्रित है। महिलाओं में इस बीमारी का खतरा ज्यादा होता है। शुरुआती स्टेज में इस बीमारी को पकड़ पाना मुश्किल है क्योंकि दोनों किडनी के करीब 60 फीसदी खराब होने के बाद ही खून में क्रिएटनिन बढ़ना शुरू होता है।

रक्त में पाए जाने वाले वेस्ट को ही क्रिएटनिन कहते हैं। सामान्यत: किडनी इसे छानकर शरीर से बाहर निकाल देती है लेकिन कई बार शरीर में स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएं होने के बाद किडनी इसे बाहर नहीं कर पाती यही कारण रक्त में इसका स्तर बढ़ने लगता है।

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14% महिलाओं को होता है ये रोग

कुछ अध्ययनों के मुताबिक, महिलाओं में पुरुषों की तुलना में गंभीर किडनी रोग की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। दोनों का औसत निकाला जाए तो महिलाओं में गंभीर किडनी रोग की समस्या 14 प्रतिशत होती है जबकि पुरुषों में 12 प्रतिशत।

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10 आदतें खराब कर देती है किडनी

-पेशाब आने पर रोक लेना

-कम पानी पीना

-बहुत ज्यादा नमक खाना

-हाई बीपी के इलाज में लापरवाही

-शुगर के इलाज में कोताही

-बहुत ज्यादा मांस खाना

-ज्यादा मात्रा में पेनकिलर लेना

-बहुत शराब, धूम्रपान करना

-पर्याप्त आराम न करना

फल और कच्ची सब्जियां ज्यादा खाएं

-अंगूर खाएं क्योंकि ये किडनी से फालतू यूरिक एसिड निकालते हैं।

-मैग्नीशियम किडनी को सही से काम करने में मदद करता है, इसलिए ज्यादा मैग्नीशियम वाली यानी गहरे रंग की सब्जियां खाएं।

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