Chhattisgarh: नक्सलियों के टॉप कैडर सदस्य की मां का CRPF रख रही ख्याल, राशन से लेकर दवाई का करा इंतजाम
छत्तीसगढ़। पुलिस और जवानों को अक्सर हम एक ही नजर से देखते हैं. हमें यह लगता है कि वे केवल हथियार चलाना जानते हैं या दुश्मनों का सफाया करना. लेकिन एक ऐसी घटना हुई जो सभी के मन में जवानों और पुलिस वालों को लेकर बनाई हुई छवि को बदल देगा. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले दंतेवाड़ा जिले में एक ऐसी घटना हुई है, जिसे देखने के बाद सुरक्षा बलों के प्रति लोगों का भरोसा दोगुना हो जाता है. इस इलाके में नक्सलियों के टॉप कैडर का सदस्य है बुदरा सोरी.
ये 22 साल का वही बुदरा है, जिसके सिर पर सरकार ने 5 लाख रुपये का इनाम रखा है। एमएलए भीमा मंडावी को मारने, सीआरपीएफ के 7 जवानों की हत्या और डीडी न्यूज के एक फोटोग्राफर को मारने जैसे संगीन अपराध उसके खाते में हैं। बुदरा, जंगलों में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहा है तो वहीं उसकी मां खाने को तरस रही है।
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गंभीर बीमारी के चलते उसके शरीर पर बड़े छाले पड़ गए हैं। ऐसे में वही सीआरपीएफ उसकी मां दुले सोरी की मदद के लिए आगे आई है। सीआरपीएफ कर्मी उसके इलाज के लिए शहर से डॉक्टर लेकर आए। उसे राशन के अलावा दवाएं भी दी हैं।
दंतेवाड़ा में कटेकल्याण ब्लॉक पड़ता है। वहां के गांव पखनाचुआ में नक्सली बुदरा का परिवार रहता है। सीआरपीएफ की 195 बटालियन के सहायक कमांडेंट संजय चौहान और उनकी टीम गुरुवार को पेट्रोलिंग पर निकली थी। जब वे गांव में पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि एक महिला की तबीयत खराब है।
उसके घर पर खाने को कुछ नहीं बचा है। सीआरपीएफ की टीम तुरंत वहां पहुंची। दुले सोरी ने बताया, उसके घर में खाने के लिए अनाज तक नहीं है। उसे बहुत गंभीर बीमारी है। शरीर पर बड़े-बड़े छाले पड़ गए हैं। उसकी वजह से सोना भी मुश्किल हो जाता है।
सीआरपीएफ के जवान निकटवर्ती इलाके से एक डॉक्टर को लेकर आए। जंगल में नक्सलियों का डर इतना ज्यादा रहता है कि कोई डॉक्टर बिना सुरक्षा के वहां आने की हिम्मत नहीं करता। डॉक्टर ने उनकी जांच की। कुछ दवाएं भी दी गई हैं। हालांकि उन्हें शहर के बड़े अस्पताल में दिखाने के लिए कहा गया है।
उसके बाद सीआरपीएफ ने दुले सोरी के लिए एंबुलेंस का इंतजाम किया। सीआरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि वे उसका इलाज कराएंगे। भले ही उसे रांची के बड़े अस्पताल में ही क्यों न भेजना पड़े। जवानों ने दुले सोरी को राशन और बर्तन भी दिए।
बुदरा के पिता हिडमा सोरी ने सीआरपीएफ कर्मियों का आभार जताया। उन्होंने कहा, आज इस कष्ट की घड़ी में वे उनकी मदद नहीं करते तो उनकी पत्नी दुले सोरी, पुत्र वधु हुरे सोरी और दो बेटे गुड्डी व बबलू बड़ी मुसीबत में फंस जाते।
बुदरा को नक्सलियों के टॉप कैडर में सचिव मोडियामी मंगतू का राइट हैंड माना जाता है। 2016 के मलिवाड़ा ब्लास्ट में बुदरा का हाथ माना जा रहा है। पिछले संसदीय चुनाव के दौरान विधायक भीमा मंडाविस की गाड़ी ब्लास्ट में उड़ा दी गई थी।
उसका आरोप भी बुदरा के सिर पर है। नीलावया में डीडी के प्रेस फोटोग्राफर और एक एसआई की मौत का जिम्मेदार भी बुदरा को ही ठहराया गया था। मलिवाड़ा ब्लास्ट में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हो गए थे।
ये सभी जवान उस ट्रक में सवार थे, जिसमें रिपेयर के लिए कूलर लदे हुए थे। बुदरा और उसके साथियों ने सीआरपीएफ के उस ट्रक को उड़ा दिया था।