MP: महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश बॉर्डर पर मजदूरों ने किया हंगामा, घर जाने की नहीं हो रही व्यवस्था

मध्यप्रदेश। देश में कोरोना वायरस से हालात गंभीर होते जा रहे हैं. केवल मरीज ही नहीं इससे प्रवासी मजदूर भी बहुत परेशान है. लॉकडाउन होने के कारण दूसरे राज्यों में फंसे हुए मजदूरों और प्रवासियों को अब घर जाने की चिंता सता रही है. काम ठप्प होने से न आमदनी है और न खाने के लिए खाना. ऐसे में गुजारा करना कठिन होता जा रहा है और वे जल्द से जल्द घर वापिस जाना चाहते हैं. इसी कड़ी में कुछ मजदूरों ने घरवापसी न होने पर हंगामा कर दिया.

गुरुवार को महाराष्ट्र – मध्यप्रदेश बॉर्डर के सेंधवा कस्बे के निकट सैकड़ों प्रवासी श्रमिकों ने घर जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था नहीं होने पर जमकर हंगामा और पथराव कर दिया।

 

बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र से प्रवासी श्रमिकों की भारी संख्या में जमा होने से प्रशासन पर भारी दबाव बना हुआ है। वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने कहा कि हम श्रमिकों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करेंगे। सरकार ने कहा कि पिछले तीन दिन में सेंधवा के पास सीमा पर से 15,000 प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया है।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इस 42 डिग्री तापमान में प्रदर्शन कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन की भी व्यवस्था नहीं की गई थी। भूखे होने की वजह से वे और ज्यादा आक्रोषित होकर पथराव करने लगे। हालांकि इसमें कोई घायल नहीं हुआ।

 

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पीटीआई के अनुसार महाराष्ट्र के पुणे से यहां पहुंचे शैलेश त्रिपाठी ने बताया कि प्रवासियों में गर्भवती महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक और बच्चे शामिल हैं और उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनके लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने आगे बताया कि यहां मध्यप्रदेश के सतना, रीवा, अनूपपुर और अन्य जिलों के साथ ही अन्य राज्यों के लोग भी यहां फंसे हुए हैं।

 

बड़वानी के जिलाधिकारी अमित तोमर के अनुसार प्रवासियों को यहां से 135 बसों से विभिन्न जिलों में बने ट्रांजिट प्वाइंट पर भेजा गया है। उचित संख्या में परिवहन की व्यवस्था नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रवासियों के लिए अधिक से अधिक संख्या में बसों की व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है। ताकि उनके घरों तक भेजा जा सके।

 

जब उनसे जब पथराव और हंगामा किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो  उन्होंने बताया कि कुछ बसों के रवाना होने के बाद शेष बचे प्रवासी श्रमिकों को यह लगा कि उनके लिए और बसें नहीं आएंगी और इस वजह से उन्होंने हंगामा और पथराव करना शुरू कर दिया।

 

प्रदेश सरकार ने बताया कि स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें नि:शुल्क बसों के माध्यम से देवास के ट्रांजिट सेंटर पर पहुंचाया जा रहा है और वहां से उन्हें सागर, छतरपुर, गुना और शिवपुरी के लिए रवाना किया जा रहा है।

 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रमिकों से अपील करते हुआ कहा कि वे धैर्य बनाए रखें, उनके लिए भोजन और चिकित्सा जांच की समुचित व्यवस्था की जाएगी। इसके बाद बिना किसी किराए के बसों में नि:शुल्क पहुंचाया जाएगा।

 

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