Chhattisgarh: कोटा में फंसे बच्चों की जरुरत वहीं होगी सुनिश्चित, चिंता की बात नहीं-सीएम बघेल
कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए पूरे देश में बढ़े लॉकडाउन की वजह से जो जहां हैं वहीं फंसकर रह गया है. अब इनमें से कई जॉब वाले हैं, तो कई पढ़ाई करने वाले छात्र. बात करें राजस्थान के कोटा में पढ़ रहे बच्चों की जो पूरे देशभर से मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आते हैं. इन छात्रों में छत्तीसगढ़ से गए छात्र भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को कहा कि उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की है और वह छात्रों के लिए जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रहे हैं.
सीएम बघेल ने कहा, ‘कोटा (राजस्थान) में अध्ययन कर रहे छत्तीसगढ़ के बच्चों की व्यवस्था को लेकर आज मैंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की है। अशोक गहलोत ने आश्वस्त किया है कि कोटा में रह रहे बच्चों को लेकर किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है। सभी बच्चों के लिए राजस्थान सरकार द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्था कोटा में ही सुनिश्चित की जा रही है।’
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘प्रदेश के हजारों लोग देश के अलग अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। इनमें गरीब मजदूरों से लेकर कोटा में पढ़ने गए बच्चे भी हैं। हमें सबकी चिंता है और हम सही समय पर सबको वापस लाने का इंतजाम करेंगे। यह समय लॉक-डाउन के पालन का है।’
कोटा (राजस्थान) में अध्ययन कर रहे छत्तीसगढ़ के बच्चों की व्यवस्था को लेकर आज मैंने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी से बात की है।@ashokgehlot51 जी ने आश्वस्त किया है कि कोटा में रह रहे बच्चों को लेकर किसी भी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 18, 2020
सीएम ने ट्वीट कर कहा, ‘हमने हर जिले में कलेक्टर को निर्देश दिए हैं कि वे दूसरे प्रदेशों में फंसे लोगों की सूची बनाएं। इससे समय पर उनकी सहायता के इंतजाम करने में सुविधा होगी।’
प्रदेश के हज़ारों लोग देश के अलग अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। इनमें ग़रीब मज़दूरों से लेकर कोटा में पढ़ने गए बच्चे भी हैं।
हमें सबकी चिंता है और हम सही समय पर सबको वापस लाने का इंतज़ाम करेंगे।
यह समय लॉक-डाउन के पालन का है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 18, 2020
उधर, राज्य के कांग्रेस संगठन ने भी सभी जिलाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वे अपने जिलों में उन बच्चों की जानकारी जुटाएं जो कोटा में फंसे हैं और इसे कलेक्टर को सौंपें ताकि उन्हें वापस लाने के प्रयास किए जा सकें।
दरअसल, राजस्थान के कोटा में राज्य से हजारों बच्चे हर साल पढ़ने के लिए जाते हैं। लेकिन लॉकडाउन के चलते ये छात्र वहीं फंस गए हैं। छात्रों की मांग है कि उन्हें उनके घर लौटने में मदद की जाए। छात्रों की उदासी उस समय और बढ़ गई, जब शुक्रवार को यूपी के बच्चों को लेने के लिए वहां की सरकार ने 250 बसों को भेजा।