इन खास मंत्रों का करें रोजाना जाप, ईश्वर स्वयं करेंगे आपकी रक्षा

मंत्रो का जापजीवन में कौन सा ऐसा इंसान होगा जो अपने जीवन में किसी तरह की परेशानी चाहता है। हर इंसान ये चाहता है कि उसका हर काम सरलता से पूरा हो जाए। लेकिन अक्‍सर जब भी हम कोई कार्य करने चलते हैं तो कोई न कोई परेशानी या कठिनाई आ ही जाती है। कभी सोचा है ऐसा क्‍यों है। नहीं न, तो हम बताते हैं कि ऐसा क्‍यों है।

दरअसल सम्‍पूर्ण ब्रह्मांड ग्रहों द्वारा नियंत्रित है। ग्रह ही हमारी सफलता और असफलता के कारक होते हैं। ग्रहों का अच्‍छा और बुरा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। जिसका असर साफ तौर पर हमारे कार्यों झलकता है। लेकिन इन ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचाव के तरीके भी हैं।

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वह तरीका है, बुरे ग्रहों का प्रभाव खत्‍म करने के लिए उस ग्रह से उग्र और शक्तिशाली शक्ति का साथ। हम यहां आपको ऐसे दो महामंत्र बताने जा रहे हैं, जिनमे से आप किसी भी एक मंत्र का जाप या पाठ कर सकते हैं। यकीन मानिए परेशानियां खत्‍म हो जाएंगी और आपका जीवन खुशहाल होने लगेगा।

इस मंत्रो का करें जाप:-

हनुमान चालीसा:- हिंदू धर्म में हनुमान चालीसा एक भक्ति भजन है जो हनुमान की उपासना में गाया जाता है। इसमें हनुमान पर 40 चौपायी या छंद है। इसीलिये इसे चालीसा कहा जाता है जिसका अर्थ है चालीस या 40। हनुमान चालीसा आंतरिक मन को झंझोरने के लिये पढ़ा जाता है। पाठकों को यह पता होता है कि वह जो दोहरा रहा है, वह उसके मन को शुद्ध कर देगा।

हनुमान चालीसा बाधाओं को खत्म करता है। हनुमान शक्तिशाली और ताकतवर हैं। वह हमारे भीतर की हिम्मत को जगाते हैं। इसलिये ऐसा विश्वास है कि हनुमान चालीसा का जाप करने से कुछ अच्छा ही होगा। यह एक प्रकार की भक्ति है और गीत सुनने से बिल्कुल अलग है। जैसे ही आप जाप शुरु करते हैं, वैसे ही आपके हृदय के द्वार खुलने लगते हैं।

विज्ञान भी इस जाप के प्रभावों की व्याख्या नहीं कर सकते हैं। यह प्रमाणित है कि इससे लाखों लोग लाभांवित हुये हैं। कोई भी चीज ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकती अगर वह सच्चे ज्ञान पर आधारित ना हों।

गायत्री मंत्र:- मंत्र के द्वारा मन को शुद्ध किया जाता है। अगर आपको मानसिक शुद्धि चाहिये तो आप गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं। यह मंत्र मन की शुद्धि के लिये ही जाना जाता है। गायत्री मंत्र का जाप बड़ी ही श्रद्धा और निष्ठा के साथ किया जाना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है :

 ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्

इस मंत्र का जाप करने वाले को अपनी आत्मा के साथ संबंध स्थापित करने का और उस पथ पर बने रहने का मौका मिलता है जहां उसे दिव्य रौशनी महसूस होती है। हर रोज सुबह शारीरिक नित्य क्रिया से निपटने के बाद इस मंत्र का अभ्यास करें।

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गायत्री मंत्र मन को शांत करता है और जब मन शांत हो जाता है तो यह सांसारिक भ्रम को तोड़ देता है और फिर आपको किसी भी भौतिक सुख-सुविधाओं की जरूरत महसूस नहीं होती। उस वक़्त आप अपनी अंतरात्मा या भगवान से बात कर सकते हैं। हर कोई आध्यात्मिक है लेकिन हम अपने मन को खुद पर हावी होने देते हैं।

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