आज का सुविचार: आचार्य चाणक्य ने बताया अपमान से बचने का सरल तरीका
आचार्य चाणक्य बहुत गुणवान और विद्वान थे। वह शिक्षक होने के साथ ही एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे। अपनी कुशलता को प्रबल करने के लिए चाणक्य ने पूरी निष्ठा से गहन अध्ययन किया था।
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चाणक्य ने अपने कौशल और बुद्धि के बल से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कई नीतियां बनाई थीं। चाणक्य द्वारा बनाई गई उन सभी नीतियों का संग्रह चाणक्य नीति शास्त्र में है। आज हम उन्हीं नीतियों में से कुछ नीतियां आपको बताने जा रहे हैं जिससे आपके विचारों में बदलाव होने के साथ ही आपके दैनिक जीवन में भी सुधार हो जाएगा।
मान-सामान से बढ़कर कुछ नहीं होता। गंवाया हुआ धन दोबारा कमाया जा सकता है लेकिन गंवाया हुआ सम्मान कभी हासिल नहीं होता है। सम्मान कांच के गिलास जैसा होता, ज़रा सी चूक और सब चकनाचूर। सम्मान की रक्षा करना आसान नहीं लेकिन काफी महत्पूर्ण होता है। कोई व्यक्ति नहीं चाहता कि उसका अपमान हो, लेकिन ये काफी हद तक हमारे हाथ में होता है। इसी को लेकर चाणक्य ने सदियों पहले अपने विचार बताए थे जो आज के समय में भी लागू होते हैं। उनके विचार आज के समय में भी सटीक बैठते हैं।
- हमेशा अपनी आदतों पर ध्यान दें
- बड़ी-बड़ी डींगे न मारें
- घर की पोल पट्टी ना करें शेयर
- दुख तकलीफ ना करें साझा
- एक दूसरे की बात ना करें किसी से साझा