महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक ने की स्कूलों में सीसीटीवी लगाने की पेशकश

स्कूलों में सीसीटीवीमुंबई। महाराष्ट्र में कांग्रेस के विधायक आरिफ नसीम खान ने सोमवार को आर्थिक रूप से कमजोर स्कूलों, विशेषकर झुग्गी बस्तियों में स्थित स्कूलों में सीसीटीवी लगाने की योजना की घोषणा की और कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विद्यार्थियों की सुरक्षा से किसी भी तरीके से समझौता नहीं किया जाएगा। पूर्व राज्य मंत्री ने 8 सितम्बर को हरियाणा के रयान इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के छात्र की हत्या के मद्देनजर महाराष्ट्र के सभी विधायकों और सांसदों से गरीब स्कूलों के लिए समान प्रायोजन के साथ आगे आने की अपील की है।

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आरिफ खान ने विद्यार्थियों की सुरक्षा के मुद्दे पर सौ स्कूल न्यासियों, प्रधानाचार्यो, पेरेंट-टीचर एसोसिएशन पदाधिकारियों व शिक्षा तथा पुलिस अफसरों की बैठक में कहा कि हरियाणा की घटना के बाद बच्चों और अभिभावकों का विश्वास स्कूलों में काफी घट गया है।

खान ने कहा, “हो सकता है कि स्कूलों में कई बच्चे गंभीर और क्रूर घटनाओं का शिकार हुए हों, लेकिन फिर भी उनके अभिभावक स्कूलों और पुलिस को इस बात को बताने में काफी डरते हैं।”

उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को शिक्षा विभाग को एक विशेष स्कूल हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने के लिए निर्देशित करना चाहिए जहां छात्रों या उनके माता-पिता नतीजों से डरे बिना ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट कर सकें और सरकार को इन शिकायतों पर तुंरत कार्रवाई करनी चाहिए।

खान ने कहा, “यह अफसोस की बात है कि बम्बई हाईकोर्ट ने एक साल पहले सभी स्कूलों में सीसीटीवी लगाने के लिए राज्य सरकार को आदेश दिया था, इसके बावजूद मुम्बई में करीब 5000 से अधिक स्कूलों में सीसीटीवी नहीं लगे और विद्यार्थी, विशेषकर लड़कियां खतरे में जी रहीं हैं।”

उन्होंने बैठक में कहा, “रयान इंटरनेशनल स्कूल की घटना के बाद, सभी स्कूलों में माता-पिता और छात्र दबाव में हैं, जो कि उनके शैक्षणिक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। स्कूल प्रबंधन, प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को उनका विश्वास वापस जीतना होगा और स्कूलों को एक बार फिर से एक सुरक्षित और सुखद अनुभव वाला बनाना होगा।”

उन्होंने बैठक में मौजूद पुलिस और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि उन्हें अदालत के आदेश का अनुपालन करते हुए सभी स्कूलों के 500 मीटर के दायरे में तंबाकू की दुकानों पर प्रतिबंध को लागू करने को प्राथमिकता से लेना चाहिए।

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