मुफ्त योजनाओं पर पीएम मोदी की बैठक,अधिकारियों ने आर्थिक संकट के लिए चेताया

(अराधना)

पीएम मोदी ने मुफ्त स्कीमों को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कुछ अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को राज्यों की तरफ से चलाए जा रहे लोकलुभावन योजनाओं को लेकर चेताया। अधिकारियों ने चिंता जताते हुए कहा कि ये योजनाए आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं हैं और वे उन्हें श्रीलंका के रास्ते पर ले जा सकती हैं।

चार घंटे चली बैठक  

7 लोक कल्याण मार्ग स्थित पीएम मोदी के आवास पर शनिवार को चार घंटे की लंबी बैठक हुई। इस बैठक में सभी विभागों के सचिवों सहित राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष अधिकारी भी शामिल हुए।

बड़ा दृष्टिकोण अपनाएं अधिकारी

सुत्रों के मूताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख विकास परियोजनाओं को नहीं लाने के बहाने के तौर पर ‘गरीबी’ का हवाला देने की पुरानी कहानी को छोड़कर बड़ा दृष्टिकोण अपनाने की बात कहीं। पीएम मोदी ने अधिकारियों से साफ तौर पर कहा कि वे कमियों के प्रबंधन की मानसिकता से बाहर निकलकर अतिरिक्त के प्रबंधन की नई चुनौती का सामना करें।

एक टीम की तरह करना होगा काम

प्रधानमंत्री ने कोरोना काल के दौरान सभी सचिवों के साथ मिलकर काम करने का उल्लेख करते हुए कहा न केवल अपने संबंधित विभागों के सचिवों के रूप में बल्कि भारत सरकार के सचिवों के रुप में काम करने को कहा। उन्होने कहा कि उन्हें एक टीम के रुप में काम करना चाहिए। पीएम मोदी ने सचिवों से फीडबैक और सरकार की नीतियों में खामियों पर सुझाव भी मांगा, जिनमें वे भी शामिल हैं जो उनके संबंधित मंत्रालयों से संबंधित नहीं हैं। सुत्रों के अनुसार इस पर 24 से अधिक सचिवों ने अपने विचार प्रकट किये।

बता दें कि 2014 के बाद से प्रधानमंत्री की सचिवों के साथ ये नौवीं बैठक थी। प्रधानमंत्री मोदी ने शासन में समग्र सुधार के लिए नए विचारों का सुझाव देने के लिए सचिवों के 6 क्षेत्रीय समूहों का भी गठन किया है।

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