भाजपा सरकार ने किसानों के लिए की ऐसी घोषणां जिससे फ्यूज हुए विपक्षियों का बल्ब

छत्तीसगगढ़ विधानसभारायपुर। छत्तीसगगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र शुक्रवार को बुलाया गया। सत्र के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विपक्ष पर वार करते कहा कि किसानों को बोनस दिए जाने से विपक्ष का बल्ब फ्यूज हो गया है, वह मुद्दाहीन हो गया है। 

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में धान की खेती है। इस कारण प्रदेश के किसानों को 21 सौ 1 करोड़ 54 लाख 77 हजार 100 रुपये किसानों को फसल का अनुदान राशि के रूप में दिया जाना है, जिसे अनुपूरक बजट के रूप में पास कर दिवाली से पहले किसानों में बांट दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने देश को संबोधित करते हुए कहा था कि सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन किसान कभी इंतजार नहीं कर सकता। यदि बारिश नहीं होगी तो किसानों की फसल बर्बाद हो जाएगी।

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रमन सिंह ने कहा कि पिछले 60 सालों में देश की सरकारों ने कभी किसानों की चिंता नहीं की, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने सबसे पहले किसानों के लिए कार्य योजना बनाई। नीतिगत फैसले लिए गए। ‘हमसे पहले की सरकार ने कभी भी किसानों के लिए नीतिगत निर्णय नहीं लिए थे।’

मुख्यमंत्री की बातों पर पलटवार करते हुए विपक्षी विधायक भूपेश बघेल ने कहा कि मानसून सत्र में पहले दिन किसानों की आत्महत्या मामले पर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव लाया, दूसरे दिन जलकी का जमीन मामला विपक्ष ने उठाया था और तीसरे दिन विपक्ष ने पनामा पेपर्स का मामला उठाया था, जिसके बाद सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सरकार पर किसानों को धान का बोनस देने के लिए दबाव बनाया, तब बोनस दिया जा रहा है।

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भूपेश ने कहा कि 37 लाख 46 हजार हेक्टेयर भूमि पर किसान खेती कर रहे हैं और 120 लाख मीट्रिक टन धान में बोनस व 3 साल के धान की 21 सौ रुपये प्रति क्विंटल व 3 सौ रुपये बोनस देने की मांग है।

विपक्षी नेता ने बताया कि प्रदेश के किसान बदहाल हैं। जांजगीर-चांपा व रुही में दो किसानों ने सरकार की बोनस की घोषणा के बाद आत्महत्या की है। उन्होंने सरकार से दोनों किसानों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है।

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